खादी को बढ़ावा देने की पहल
सरकार का मानना है कि, इस पहल के माध्यम से हम भारतीय परिधान के प्रति नई पीड़ी को जागरूक कर सकते हैं। वहीं, राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चाएं भी होने लगी हैं कि, मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही खादी की वापसी के रास्ते खुलने लगे हैं। सरकार की तैयारियों के अनुसार, अगले शिक्षणिक सत्र से प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों की ड्रेस खादी के कपड़ों की होने जा रही है। सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से लाने जा रही है। पहले चरण में इसे सरकारी स्कूलों की प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को निशुल्क मिलने वाली यूनिफॉर्म खादी की दी जा सकती है। इसके बाद इसे अन्य उच्च कक्षाओं के छात्रों को देकर लागू किया जाएगा। प्रदेश के सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह का कहना है कि ‘खादी ग्रामोद्योग आज़ादी की मूलभावना से जुड़ा है। महात्मा गांधी ने चरखा गांव गांव तक पहुंचाया था। हम बापू की उसी मूल भावना को नयी पीढ़ी तक पहुंचाान चाहते हैं। आज खादी के प्रचार प्रसार की ज़रूरत है और ये नई पीड़ी में खादी का महत्व पहुंचाने का सबसे बेहतर तरीका है।’
राहुल गांधी की कमलनाथ को सलाह
आपको बता दें कि, बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से खादी व्यवसाइयों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाक़ात की थी। उनमें एक व्यवसायी मध्य प्रदेश का भी था। व्यवसायी ने राहुल गांधी से निवेदन किया था कि मध्य प्रदेश में भी खादी को बढ़ावा दिया जाए, व्यवसायी से सेहमति मिलने के बाद राहुल गांधी ने सीएम कमलनाथ को फोन करते हुए प्रदेश के सरकारी स्कूल के छात्रों को खादी के यूनिफार्म पहनाने की बात रखी, जिसपर अमल करते हुए प्रदेश सरकार ने स्कूलों में निशुल्क यूनिफॉर्म खादी की बनाने का फैसला लिया है। सरकार का मानना है कि, इस फैसले से कुटीर और लघु उद्योगों को काम और प्रदेश के कई लोगों को रोज़गार मिलेगा।