वहीं सामने आ रही जानकारी के अनुसार इस हादसे के बाद शुक्रवार को एसएससी वर्क्स बीके मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया है। हादसे के चलते गुरुवार को चपेट में आकर 9 यात्री घायल हो गए। ये सभी यात्री रैंप के साथ नीचे गिर गए। इन्हें चिरायु और हमीदिया हॉस्पिटल भेजा गया।
भोपाल पहुंचते ही जीएम शैलेंद्र सिंह ने यहां के सभी प्रमुख अखबार मंगाए और उन्हें पढ़ा भी। वहीं इस दौरान रेलवे की ओर से जीएम को एक बोर्ड के माध्यम से पूरे हादसे की जानकारी भी दी गई।
इधर, वापस जाते में जीएम की ट्रेन का भी हुआ एक्सीडेंट…
जिस ट्रेन में पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर जोन के जीएम शैलेंद्र कुमार सिंह भोपाल से वापस जबलपुर जा रहे थे उस ट्रेन की चपेट में आने से शुक्रवार करीब 11:30 बजे बरखेड़ा के पास गाय कट गई। जिसके चलते ट्रेन को रोकना पड़ा। इसके बाद करीब 20 मिनट की देरी से ट्रेन इटारसी की तरफ रवाना हुई।
जिस ट्रेन में पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर जोन के जीएम शैलेंद्र कुमार सिंह भोपाल से वापस जबलपुर जा रहे थे उस ट्रेन की चपेट में आने से शुक्रवार करीब 11:30 बजे बरखेड़ा के पास गाय कट गई। जिसके चलते ट्रेन को रोकना पड़ा। इसके बाद करीब 20 मिनट की देरी से ट्रेन इटारसी की तरफ रवाना हुई।
ऐसे समझें भोपाल रेलवे स्टेशन हादसा…
भोपाल रेलवे स्टेशन पर यह हादसा गुरुवार को सुबह 9.07 बजे हुआ। तब प्लेटफॉर्म-2 पर एपी संपर्क क्रांति खड़ी थी। यह ओवरब्रिज 28 साल पहले बना था।?स्टेशन के एक वेंडर का दावा है कि बुधवार को इस रैंप का एक छल्ला गिरा था। रेलवे ने उसकी शिकायत पर गौर नहीं किया।
भोपाल रेलवे स्टेशन पर यह हादसा गुरुवार को सुबह 9.07 बजे हुआ। तब प्लेटफॉर्म-2 पर एपी संपर्क क्रांति खड़ी थी। यह ओवरब्रिज 28 साल पहले बना था।?स्टेशन के एक वेंडर का दावा है कि बुधवार को इस रैंप का एक छल्ला गिरा था। रेलवे ने उसकी शिकायत पर गौर नहीं किया।
हादसे के बाद प्लेटफॉर्म 2 और 3 को साढ़े चार घंटे तक बंद रखा गया। दोपहर 2 बजे पहली ट्रेन कुशीनगर एक्स. आई। दुर्घटनाग्रस्त रैंप को सुधारने का कार्य देर रात तक चलता रहा। घटनास्थल पर मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर भोपाल समेत सभी स्टेशनों के एफओबी की जांच कराने के लिए कहेंगे। सरकार गंभीर घायलों को 50 हजार और चोटिलों को 10 हजार की मदद देगी।
मलबे से आ रही थी चीखें…
मैं सुबह करीब 9:05 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर खड़ा था। तभी प्लेटफॉर्म दो पर स्लैब नीचे गिर गया। कुछ लोग नीचे गिरे। अफरा-तफरी मच गई। पास जाकर देखा तो मलबे के नीचे लोग दबे हुए थे। वे चीख रहे थे। कई लोगों ने मिलकर उनको मलबे से बाहर निकाल अस्पताल पहुंचाया। इस बीच मेरे हाथ में ब्लॉक का सरिया लग गया।
– डब्बू कुशवाह, वेंडर
मैं सुबह करीब 9:05 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर खड़ा था। तभी प्लेटफॉर्म दो पर स्लैब नीचे गिर गया। कुछ लोग नीचे गिरे। अफरा-तफरी मच गई। पास जाकर देखा तो मलबे के नीचे लोग दबे हुए थे। वे चीख रहे थे। कई लोगों ने मिलकर उनको मलबे से बाहर निकाल अस्पताल पहुंचाया। इस बीच मेरे हाथ में ब्लॉक का सरिया लग गया।
– डब्बू कुशवाह, वेंडर
जोर से धमाका हुआ, भगदड़ मच गई
घटना के समय मैं प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर ही था। अचानक धमाका हुआ। नजर पड़ी तो सीढ़ी के नीचे धूल का गुबार उठता देखा। मैं अपना स्टॉल छोड़कर पास में पहुंचा। ब्लॉक में दबे लोग मदद के लिए चीख रहे थे।
– गया प्रसाद, चश्मदीद
: साल भर पहले सेटी ऑडिट का दावा…
रेल मंडल के डीआरएम उदय बोरवणकर ने बताया कि यह फुट ओवरब्रिज 1992 में बना था। इसका सालाना सेटी ऑडिट मार्च 2019 में हुआ था। तब इसमें कोई खामी नहीं मिली थी। डीआरएम का कहना है कि यह एफओबी स्टील और सीमेंट-कांक्रीट से बना है।
रेल मंडल के डीआरएम उदय बोरवणकर ने बताया कि यह फुट ओवरब्रिज 1992 में बना था। इसका सालाना सेटी ऑडिट मार्च 2019 में हुआ था। तब इसमें कोई खामी नहीं मिली थी। डीआरएम का कहना है कि यह एफओबी स्टील और सीमेंट-कांक्रीट से बना है।
इसके स्ट्रक्चर में कुछ फेलियर होने के कारण यह टूटकर नीचे गिरा है। डीआरएम ने बताया कि हादसे की जांच के लिए जोन स्तर पर तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। पश्चिम मध्य रेलवे के चीफ सेटी ऑफिसर एपी पांडेय की अध्यक्षता में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के चीफ ब्रिज इंजीनियर ओपी तंवर और चीफ कमर्शियल मैनेजर (पैसेंजर सर्विस) बृजेन्द कुमार जांच करेंगे।