बता दें कि एक एक्सप्रेस ट्रेन की एक ट्रिप रद्द होने पर रेलवे को लगभग 2.50 से 3 लाख तो राजधानी ट्रेन की एक ट्रिप रद्द होने से लगभग 5 लाख का नुकसान होता है। इस बार भी रेलवे को 25 दिसंबर से 25 जनवरी तक एक माह में लगभग 150 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। आल अफसरों का कहना है कि लगातार शोध हो रहे हैं। कोशिश है कि ठंड के मौसम में एक महीने तक प्रभावित होने वाली ट्रेनों को समय पर चलाया जा सके।
प्रभावित होती हैं इन रूट्स पर ट्रेनें
सर्दी के मौसम में सबसे अधिक ट्रेनें राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र की तरफ से आने वाली प्रभावित होती हैं। इनमें दिल्ली, आगरा, मथुरा और बिहार की तरफ आने-जाने वाली ट्रेनें बुरी तरह लेट होती है। दिल्ली की तरफ से चलने वाली ट्रेनों को ही सबसे अधिक रद्द किया जाता है।
मंडल में फॉग सेफ डिवाइस का सहारा
भोपाल रेलमंडल में पहली बार ट्रेन ड्राइवर्स को फॉग सेफ डिवाइस दी जाएगी। इंजन में रखी जाने वाली यह डिवाइस ड्राइवर को सामने आने वाले सिग्नल की जानकारी देगी। सिग्नल लाल है या हरा यह पास जाने से ही पता चलेगा। बता दें कोहरे के कारण कई बार ड्राइवर सिग्नल को ही मिस कर जाते थे।
प्रायोगिक दौर में ही है वार्निंग सिस्टम
रेलवे अधिकारियों के अनुसार कोहरे से निपटने के लिए ट्रेन प्रोटेक्शन वार्निंग सिस्टम, एंटी कोलिजन डिवाइस के साथ नई एलइडी फ ॉग लाइट्स लगाने की तैयारियां चल रही हैं, लेकिन ये सभी अभी प्रायोगिक दौर में ही हैं। कुछ वर्षों से त्रिनेत्र डिवाइस लगाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इनका प्रयोग अभी तक सफल नहीं हुआ है।
फॉग सेफ डिवाइस का उपयोग किया जाएगा
अभी भी कोहरे से निपटने के लिए किसी पुख्ता डिवाइस का हम ईजाद नहीं कर सके हैं, लेकिन बहुत सारे विकल्पों पर काम किया जा रहा है। भोपाल रेल मंडल में इस बार फॉग सेफ डिवाइस का उपयोग किया जाएगा। यह ड्राइवर्स को सिग्नल की जानकारी देगा। उन्हें मदद करेगा।
– शोभन चौधुरी, डीआरएम भोपाल रेल मंडल