script8 घंटे जनरेटर चलाकर दिया, फ्यूलकॉस्ट और कार्बन उत्सर्जन कम करने पर प्रेजेंटेशन | Presentation on reducing fuel cost and carbon emissions on generator | Patrika News

8 घंटे जनरेटर चलाकर दिया, फ्यूलकॉस्ट और कार्बन उत्सर्जन कम करने पर प्रेजेंटेशन

locationभोपालPublished: Dec 05, 2017 09:42:30 am

रेलवे अधिकारियों की कारगुजारी… मंडल के पूर्व डीआरएम और वर्तमान में मेंबर ट्रैक्शन मोटर रेलवे बोर्ड घनश्याम सिंह आए भोपाल।

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भोपाल। फ्यूलकॉस्ट और कार्बन उत्सर्जन कम करने यानि तेल की कीमतों में कमी व कार्बन जैसे हानिकारक पदार्थ कम बाहर आएं इसे लेकर कई प्रेजेंटेशनों के बारे में आपने सुना होगा। लेकिन क्या आपने सुना है कि ऐसे प्रेजेंटेशन के लिए सामान्य बिजली की जगह जनरेटर का उपयोग किया जाए, जो कि फ्यूलकॉस्ट और कार्बन उत्सर्जन में वृद्धि करता है। नहीं न लेकिन ऐसा ही हुआ है, वह भी किसी निजी कार्यशाला में नहीं बल्कि भारतीय रेल के विभाग में…
दरअसल तेजी से सुधार की ओर बढ़ रही रेलवे का अब फ्यूलकॉस्ट और कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर जोर है। सोमवार को राजधानी आए भोपाल रेलमंडल के पूर्व डीआरएम और वर्तमान में मेंबर ट्रैक्शन मोटर रेलवे बोर्ड घनश्याम सिंह ने मंडल में इलेक्ट्रिफिकेशन को लेकर प्रेजेंटेशन दिया।
रेलवे बोर्ड मेंबर ने रेलवे अधिकारियों को बताया कि मंडल में जितना इलेक्ट्रिफिकेशन हो चुका है लगभग उतना ही और बाकी है।

एेसे में तेजी से पूरे मंडल में इलेक्ट्रिफिकेशन कि या जाना चाहिए। इसका फायदा यह है कि जैसे ही मंडल में इलेक्ट्रिफिकेशन हो जाता है रेलवे की फ्यूल कॉस्ट में बड़ी कमी आएगी। यही नही डीजल इंजन में डीजल के उपयोग से जो कार्बन उत्सर्जन होता है वह भी कम होगा।
इसका एक बड़ा फायदा यह भी है कि इलेक्ट्रिफिकेशन के बाद गाडि़यों की गति में इजाफा होने से कम समय में ट्रेनें गंतव्य तक कम समय में पहुंच सकेंगी। इसका बड़ा फायदा यात्रियों को भी होगा। इस दौरान उन्होंने बताया कि रेलवे सुधार के ट्रांजिशन पीरियड से गुजर रही है। एेसे में सभी इसे एक अवसर के रूप में लेकर अपने आप को साबित करना चाहिए।
सामान्य बिजली बंद कर चलाया जनरेटर :
रेलवे बोर्ड मेंबर के प्रेजेंटेशन में कोई व्यवधान न पड़े इसके लिए रेलवे अधिकारियों ने पूरे डीआरएम कार्यालय को आठ घंटे तक अंधेरे में बैठाए रखा। रेलवे सूत्रों के अनुसार रेलवे बोर्ड मेंबर को लंबा प्रेजेंटेशन देना था, लेकिन डीआरएम कार्यालय में जो बिजली उपयोग में लाई जाती है वह रत्नागिरी महाराष्ट्र से आती है। इसमें कई बार ट्रिप की समस्या रहती है।
बताया जा रहा है कि रेलवे बोर्ड मेंबर ने इस बात की ताकीद की थी कि उन्हें इस तरह की कोई समस्या नही चाहिए। बस फिर क्या था, अपने आला अधिकारी के लिए रेलवे अधिकारियों ने यहां पर उपयोग किए जाने वाले जनरेटर से पूरे कार्यालय में बिजली सप्लाई का प्लान बनाया। पर इसमें केवल आला अधिकारियों और उनके कार्यालय को ही बिजली सप्लाई की गई ताकि जनरेटर बैठ न जाए। इस चक्कर में सुबह 10.30 बजे से शाम 06 बजे तक पूरे डीआरएम ऑफिस की बिजली बंद रही।
इधर, तीन महीने भोपाल से चलेगी हबीबगंज दाहोद पैसेंजर
हबीबगंज-इदौर इंटरसिटी और हबीबगंज-दाहोद पैसेंजर अगले तीन माह तक हबीबगंज स्टेशन पर और नही आएंगी। रेलवे ने इन गाडि़यों फिलहाल भोपाल स्टेशन पर टर्मिनेट करने का निर्णय लिया है। हबीबगंज-इन्दौर इंटरसिटी और हबीबगंज-दाहोद पैसेंजर को 03 दिसंबर तक भोपाल स्टेशन से चलाने का निर्णय लिया गया था। अब ये ट्रेनें 05 दिसंबर 2017 से 05 मार्च 2018 तक अस्थायी तौर पर भोपाल तक ही आएंगी।
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