जिसकी कीमत 41 लाख 80 हजार 858 रुपए पाई गई है। भोपाल रेल डिवीजन के आरपीएफ कमांडेंट विवेक सागर ने बताया कि इससे पहले अक्टूबर माह में भी विशेष अभियान चलाकर ऐसे 24 टिकट दलालों को गिरफ्तार किया है जो आईआरसीटीसी की पर्सनल आईडी से टिकट बुक करके याित्रयों को बेच रहे थे। उनके पास 73 लाख 55 हजार 788 रुपए के 651 टिकट जब्त किए गए थे।
ऐसे टिकट खरीदने वाले यात्रियों को हो सकती है परेशानी
दरअसल, आईआरसीटीसी के अधिकृत एजेंट व साइबर कैफे संचालक यात्रियों को एजेंट आईडी की जगह पर्सनल आईडी से ई-टिकट बुक करके दे रहे हैं। रेलवे एक्ट की धारा-143 के तहत पर्सनल आईडी से टिकट बुक कर बेचना अपराध के दायरे में आता है, ऐसे मामले में पकड़े जाने पर एजेंट व दलाल को जेल तो भेजा ही जाता है
साथ ही उसके द्वारा पर्सनल आईडी से बुक टिकट भी रद्द कर दिए जाते हैं। ऐसे में जिन यात्रियों के टिकट एजेंट द्वारा पर्सनल आईडी से बनाए गए हैं उनकी यात्रा प्रभावित होती है। आरपीएफ की नजर इन टिकट दलालों पर तो है ही इसके अलावा यात्रियों द्वारा अपनी पर्सनल आईडी से बुक हो रहीं टिकटों पर भी निगरानी रखी है। यह कार्य आरपीएफ के दिल्ली मुख्यालय से नियंत्रित किया जा रहा है।
पर्सनल आईडी से टिकट बुक करना नहीं लेकिन उसे बेचना अपराध है
आरपीएफ कमांडेंट का कहना है कि यात्री अगर एजेंट से टिकट बुक कराते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि वह टिकट पर्सनल आईडी से बुक ना किया गया हो। ऐसा होने पर संबंधित यात्री को भी परेशान होना पड़ सकता है। आरआरसीटीसी द्वारा अपने अधिकृत एजेंटों को एजेंट लॉगिन दिया जाता है वह उसी आईडी से टिकट बुक कर सकते हैं। पर्सनल आईडी से टिकट बुक करना अपराध नहीं है लेकिन उस टिकट को बुक करके बेचना अपराध है।