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रेलवे के नए प्रयोग से कन्फर्म होगें ज्यादा टिकट यात्रियों को मिलेगा सुकून

locationभोपालPublished: Aug 12, 2021 09:40:19 am

Submitted by:

Hitendra Sharma

ट्रेनों में पावर कोच से वायु-ध्वनि प्रदूषण हुआ शुन्य, यात्रियों के ज्यादा टिकट कंफर्म होने की बढ़ी उम्मीद। अभी डीजल से चलते हैं जनरेटर। ट्रायल में तीन ट्रेनों में वायु-ध्वनि प्रदूषण का आदर्श स्तर जांचा गया।

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भोपाल. सलीपर या जनरल डिब्बे में यात्रा के दौरान आने वाली कर्कश आवाज कई बार यात्रियों की नींद में खलल डालती है। अब रेलवे ट्रेनों में डीजल जनरेटर के बजाय पावर कोच का इस्तेमाल करने जा रहा है। इससे यात्रियों को सुकून तो मिलेगा ही, ट्रेनों से होने वाला वायु और ध्वनि प्रदूषण भी खत्म होगा।
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भोपाल मंडल ने भोपाल एक्सप्रेस, जनशताब्दी और हमसफर एक्सप्रेस को हेड ऑन जनरेशन प्रणाली से चलाने में सफलता पाई है। इन ट्रेनों में पावर कोच लगाए हैं, जिन्हें डीजल जनरेटर के बजाय सीधे इंजन की ओबर हेड इलेक्ट्रिक लाइन से बिजली सप्लाई दी जा रही है। जनरेटर कोच को हटाने से रिक्त जगह पर यात्री डिब्बा जोड़ा जा रहा है। इससे यात्रियों को कंफर्म टिकट मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
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एक साल में 7.52 करोड़ की बचत
डीआरएम सौरभ बंदोपध्याय ने बताया कि हेड ऑन जनरेशन प्रणाली में डीजल की खपत नहीं होती। इससे वायु और ध्वनि प्रदूषण में कमी आती है। अकेले भोपाल रेल मंडल में इस तकनीक से सालाना 7 करोड़ 52 लाख 64 हजार रुपए की बचत होगी। इस तकनीक का इस्तेमाल देश के बाकी रेल मंडलों में भी किया जा रहा है।

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ट्रेन में आग की आशंका होगी खत्म
एक सामान्य यात्री ट्रेन में एक जनरेटर बोगी लगाई जाती है, जबकि एसी ट्रेनों में सबसे आगे और सबसे पीछे दो जनरेटर सेट बोगी होती हैं| इनका काम यात्री एसी डिब्बों में एसी और इलेक्ट्रिक उपकरणों में बिजली पहुंचाना होता है। डीजल लीकेज व शॉर्ट सर्किट की वजह से आगजेनी कां खतरा बना रहता था। अब यह आशंका भी खत्म होगी।

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