आमतौर पर नवंबर महीने से ही पश्चिमी विक्षोभ निचले अक्षांश अर्थात निचले हिमालय और जुड़े मैदानी इलाकों से गुजरने लगते हैं। इनकी क्षमता बढऩे लगती है। मौसम में बदलाव इन सिस्टम के नीचे आने के कारण देखने को मिलता है। इस साल की बात करें तो नवंबर से पश्चिमी विक्षोभों के आने का क्रम बढ़ा और यह निचले लैटीट्यूड से होकर निकलने लगे,लेकिन उम्मीद से कमजोर रहे।
दूसरी ओर पर्वतीय राज्यों में बारिश सामान्य के स्तर तक भी नहीं पहुंची। अब तक हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 25 प्रतिशत कम और उत्तराखंड में सामान्य से 66 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मैदानी राज्यों में दिल्ली में सामान्य से 86 प्रतिशत, हरियाणा में 79 प्रतिशत और पंजाब में 76 प्रतिशत बारिश कम है। इसके चलते देश के अधिकांश इलाकों में सर्दी का मौसम प्रभावित हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के होशंगाबाद संभाग के कई जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश दर्ज की गई। इसके साथ ही सोमवार को नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, दमोह, बैतूल, हरदा, होशंगाबाद आदि में कहीं-कहीं हल्की बारिश एवं गरज चमक के साथ छींटे पडऩे की संभावना है। राजधानी भोपाल में भी बादल छाए रहेंगे।
मौसम विज्ञान केंद्र में दर्ज आंकड़ों के अनुसार रविवार को राजधानी में अधिकतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से 1.4 डिग्री सेल्सियस कम था। शनिवार की तुलना में यह एक डिग्री सेल्सियस कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से 1.6 डिग्री सेल्सियस अधिक था। शनिवार की तुलना में इसमें 0.3 डिग्री सेल्सियस की बढ़़ोतरी दर्ज की गई।