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राजभवन कर्मचारियों के बच्चे बने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी

locationभोपालPublished: Aug 16, 2018 10:03:07 am

Submitted by:

hitesh sharma

राजभवन में सांस्कृति कार्यक्रम का आयोजन

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राजभवन कर्मचारियों के बच्चे बने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी

भोपाल। राजभवन कैंपस में रहने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के बच्चों ने मिलकर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। ये आयोजन पहली बार हुआ है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बच्चों द्वारा तैयार हस्तशिल्प एग्जीबिशन देखी। राजीव जैन त्रिलोक के निर्देशन में बच्चों ने 22 योगासन प्रस्तुति किए।
इसके बाद बच्चों ने नन्हा-मुन्ना राही हूं… कहते हैं हमको प्यार से इंडिया वाले… गीत पर रॉकिंग डांस परफॉर्मेंस दी। पिछले दो महीने से 5 साल के बच्चों से लेकर 24 साल तक के युवा इस परफॉमेंस की तैयारी कर रहे थे। जेल के सजायाफ्ता कैदियों के जेल बैंड ने देशभक्ति गीत, हर करम अपना करेंगे, ऐ मेरे वतन के लोगों, जिंदगी मौत न बन जाए और संदेसे आते हैं…जैसे गीत सुनाए। इन कैदियों को जेल में ही संगीत की शिक्षा दी गई है।
11 स्वतंत्रता संग्राम सैनानी आए नजर…
नाटक में केजी त्रिवेदी के निर्देशन में वल्लभ भाई पटेल से लेकर सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, लक्ष्मी बाई, रानी दुर्गावती आदि के व्यक्तित्व और बलिदान की कथाओं पर आधारित एकल नाटक प्रस्तुत किए। राज्यपाल ने आमजनों की भीड़ तथा उत्साह को देखते हुए राजभवन को आमजन के लिए 16 अगस्त तक खोलेने के आदेश दिए हैं।
पूर्व में राजभवन में आमजन के प्रवेश के लिए 11 अगस्त से 15 अगस्त तक के आदेश दिए गए थे। स्वतंत्रता दिवस पर राजभवन में दोपहर में शासकीय कार्यक्रमों को देखते हुए आमजन तथा बच्चों के लिए शाम 7 बजे से प्रवेश रखा गया है।
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भारत माता के वंदन, नित शीश झुकाया करता हूं

बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केंद्र में मंगलवार को देश भक्ति काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. जय जयराम आनंद ने की। वहीं मुख्य अतिथि डॉ. क्षमा पांडे और विशिष्ट अतिथि डॉ. गौरीशंकर शर्मा थे। इस अवसर छात्रा फाल्गुनी ने ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी… गीत सुनाया।


कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रियल गौर ने हरी हरी वसुंधरा पे नीला नीला ये गगन… गीत की प्रस्तुति दी। अगली कड़ी में प्रतिभा श्रीवास्तव ने ये देवभूमि ये तपोभूमि, ये भारत भूमि प्यारी है…, अशोक धमेनिया ने भारत वंदना का गीत पढ़ा। डॉ. गिरजेश सक्सेना ने मैं सैनिक हूं… गीत पेश किया। वहीं, अनिता श्रीवास्तव ने ओ मेरी बहना कभी न रोना।

मां की गोद में रहता हूं… मार्मिक गीत पढ़ा। कार्यक्रम को विस्तार देते हुए देवेन्द्र गुप्ता ने आओ नमन करें बोले वंदे मातरम, ओरीना अदा ने जो अमन ओ मसावद मोहब्बत का चमन है, लवकुमार शर्माा ने बहुत जरूरी यह संदेश पहुंचाना इंसान को… की प्रस्तुत दी। अंत में प्रतिभा अग्रवाल ने दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए… गीत पेश किया। कार्यक्रम का संचालन नीना सोलंकी, आभार डॉ. विनिता राहुरीकर ने माना।

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