दरअसल दामखेड़ा स्थित राज्य सरकार के संस्थान वाटर एंड लैंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (वाल्मी) प्रबंधन की तरफ से राजहर्ष सी सेक्टर की कंक्रीट की सड़क को दीवार बनाकर रोक दिया है। प्रबंधन इसे अपनी जमीन बता रहा है। रहवासियों ने इस संबंध में पहले संभागायुक्त फिर कलेक्टर के यहां शिकायत कर रास्ता खुलवाने की गुहार लगाई थी। एसडीएम हुजूर ने इस मामले में कोर्ट में केस शुरू करने के साथ तहसीलदार कोलार से 20 मार्च के पहले जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा है। अगली पेशी 20 मार्च को है।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की तफ से मंजूर किए गए नक्शे में राजहर्ष सी सेक्टर का रास्ता सड़क से ही दर्शाया गया है। लेकिन वाल्मी प्रबंधन ने सड़क को खोद कर आवागमन बंद कर दिया। तहसीलदार जांच कर ये बताएंगे कि सड़क की जमीन किस की है।
आसाराम सहित कई विवाद आज भी नहीं सुलझे
गांधी नगर में आसाराम आश्रम के कर्ताधर्ताओं ने भी किसानों के खेत पर जाने वाले रास्ते पर कब्जा कर लिया है। इस कारण किसानों को काफी घूमकर जाना पड़ता है। ये केस एडीएम कोर्ट में चल रहा है, लेकिन अभी तक रास्ता नहीं खुला है। हर मंगलवार को कलेक्टोरेट में होने वाली जनसुनवाई में एक या दो मामले रास्ता रोके जाने के आते हैं। पिछले छह माह में 36 आवेदन रास्ते विवाद के आए हैं, जिनमें जांच की चल रही है। लोगों को राहत नहीं मिली है।
इस संबंध में अभी मेरे पास कोई निर्देश नहीं आए हैं। मिलते ही जांच करने के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी।
– मनोज श्रीवास्तव, तहसीलदार कोलार