सिंधिया की जगह कौन जाएगा राज्यसभा ?
ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा में रिक्त हुई सीट पर आखिर कौन राज्यसभा जाएगा ये सवाल अब मध्यप्रदेश के राजनीतिक गलियारों में तेजी से उठ रहा है। कुछ दिग्गज नेताओं के नाम की सुगबुगाहट भी चल रही है तो चलिए आपको बताते हैं उन दिग्गज नेताओं के बारे में जिनके नाम की चर्चाएं जोरों पर हैं।
केपी यादव- सबसे पहला नाम केपी यादव का है। गुना-शिवपुरी सीट पर ज्योतरादित्य सिंधिया को चुनाव हराने वाले केपी यादव को 2024 के लोकसभा चुनावों ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए अपनी सीट खाली करनी पड़ी थी। लोकसभा चुनाव में गृहमंत्री अमित शाह ने गुना की जनसभा में केपी समर्थकों से निराश न होने की अपील करते हुए उनके नेता को उपयुक्त जिम्मेदारी देने का वादा किया था। ऐसे में उम्मीद है कि राज्यसभा का उपचुनाव शाह के वादे को पूरा करने का उपयुक्त समय साबित होगा।
नरोत्तम मिश्रा- मध्यप्रदेश के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम भी इस सीट के लिए चर्चाओं में है। विगत विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के लाखों नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल करने में अहम भूमिका निभाने वाले नरोत्तम मिश्रा को भी पार्टी हाईकमान बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है।
जयभान सिंह पवैया- भाजपा के वरिष्ठ नेता जयभान पवैया का नाम भी उन नेताओं में शामिल बताया जा रहा है जो कि राज्यसभा जा सकते हैं। हिंदुत्ववादी चेहरे क तौर पर पवैया संघ के करीबी भी हैं।
सुरेश पचौरी- लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी के नाम की चर्चाएं भी राजनीतिक गलियारों में उठ रही हैं।
ये राज्यसभा सदस्य चुनकर पहुंचे लोकसभा
राज्यसभा की जिन 12 सीटों पर चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया है बता दें कि उनमें से 10 सीटें तो राज्यसभा सांसदों के लोकसभा चुनाव जीतने के कारण खाली हुई हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (महाराष्ट्र), दीपेंद्र सिंह हुडा (हरियाणा), ज्योतिरादित्य सिंधिया (मध्य प्रदेश), कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल (राजस्थान), राजद की मीसा भारती (बिहार), भाजपा के नवादा से सांसद विवेक ठाकुर (बिहार), असम से कामाख्या प्रसाद तासा और सर्बानंद सोनोवाल हैं। इनके अलावा त्रिपुरा से बिप्लब कुमार देब भी लोकसभा चुनाव जीतने वालों में शामिल हैं। इनके इस्तीफे से ये सीटें खाली हुई हैं।इनके अलावा बीआरएस सांसद के.केशव राव ने 5 जुलाई को और बीजेडी सांसद ममता मोहंता ने 31 जुलाई को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था।