शुगर की मात्रा को कम करके घी एवं काजू-बादाम जैसे सूखे मेवों का प्रयोग ज्यादा किया जाने लगा है। कुछ कारोबारी बाजार की बजाय स्वयं की इकाइयों में मावा तैयार करवाते हैं। कारोबारियों के मुताबिक रक्षाबंधन पर बहन अपने भाइयों को मिठाई खिलाती है। इसे देखते हुए शुद्ध घी की ड्राईफ्रूट्स वाली राखी मिठाई, गुलदस्ता मिठाई, पान क्रंच मिठाई, आर्गेनिक फूड की काजू कतली, मलाई घेवर, चाश्नी घेवर जैसी मिठाईयां तैयार की गई है। नमकीन -मिठाई कारोबारी कुश हरवानी बताते हैं कि रक्षाबंधन के लिए करीब एक दर्जन प्रकार की नई-नई मिठाइयां तैयार की गई है।
लड्डू 10 फीसदी सस्ते
तेल-घी ब्रोकर रमाकांत तिवारी बताते हैं कि मई-जून माह में वनस्पति का डिब्बा 3000 रुपए तक था जो घटकर 1750/2000 रुपए पर आ गया है। लड्डू का व्यवसाय इस समय गति पकड़ चुका है। लड्डू निर्माता जीतेन्द्र गुप्ता ने बताया कि तेल-घी सस्ते होने से लड्डू के भाव में कमी आ गई है।
भावों में तेजी
मिठाई कारोबारी मोहन शर्मा घंटेवाला बताते हैं कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध के चलते पेपर बेग का इस्तेमाल किया जाने लगा है। मिठाइयों में गत वर्ष की तुलना में 15 से 17 की तेजी आ गई है।
बारिश के कारण हो रही परेशानी
लगातार हो रही बारिश के कारण लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर भारी भीड़ है। कई सड़क मार्गों का संपर्क टूटा हुआ है, जिसके कारण रक्षाबंधन मनाने जा रहे कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। रक्षाबंधन मनाने के लिए कई भाई, बहनें शहर पहुंचने लगे हैं, लेकिन कई लोग बारिश के कारण रास्तों में फंसे में है। बहने अपने भाइयों को और भाई अपने बहनों को लगातार मोबाइल के जरिए स्थिति बता रहे हैं।
कई वैरायटियों की राखियां बाजार में
रक्षाबंधन के चलते शहर में जगह-जगह राखियों के बाजार सजे हैं। बाजारों में एक से बढ़कर एक वैरायटियों की राखियां हैं, जिसकी कीमत 2 रुपए से लेकर 500 रुपए । इसमें बच्चों के लिए विभिन्न कार्टून, म्युजिकल राखियां अधिक पसंद की जा रही है, वहीं बड़ों के लिए कुंदन, फेंसी राखियां, चंदन, रुद्राक्ष की राखियां भी कई वैरायटियों में बाजार में है। इस बार तिरंगा राखियों को लेकर भी बाजारों में क्रेज है।