राजधानी में नवाब काल, गौड़ वंश कला और अफगानी कला की झलक यहां के महल और भवनों में देखने को मिलती है। इनमें सबसे पुराना इस्लाम नगर और इसके पास बना गौड़ वंश का किला है। इसे संवारने की दिशा में पुरातत्व विभाग ने कदम उठाए हैं। इसका पुरातत्व विभाग ने टेंडर दे दिया है। जल्द काम जल्द ही शुरू होगा।
ये होंगे काम इस्लाम नगर के पुराने महल के चारों ओर से बनी दीवार जीर्णशीण हो रही है। जिसे 46 लाख की लागत से दुरूस्त किया जाएगा। दूसरा रानी महल का रिनोवेशन 11 लाख की लागत से किया जाएगा। इसका इतिहास करीब तीन सौ साल पुराना है। यहां अफगानी और गौड़वंश की कला की झलक देखने को मिलती है।
आते हैं सबसे ज्यादा पर्यटक भोपाल में नवाबों की रियासत व कलाकृति देखने वाले सबसे अधिक पर्यटक इस्लाम नगर में बने महलों को देखने आते है। यूं तो नवाबों की बनाई धरोहर शहर में दर्जनों हंै, लेकिन पुरातत्व की नजर से सबसे पुरानी धरोहर यह है। हर साल कई न कहीं मेंटेनेंस का काम चलता है।
देखरेख के अभाव में हो रहे हैं जर्जर देखरेख के अभाव में शहर की कई ऐतिहासिक धरोहरें जर्जर हो रहीं हैं। इनके रखरखाव का जिम्मा एजेंसियों के बीच उलझा हुआ है। ऐसे भवनों में ताजमहल एक है। पहले ये पुरातत्व विभाग के पास था जिसे बाद में पर्यटन विभाग ने ले लिया। इसके कुछ हिस्से में सुधार को लेकर असमन्जस है।
इनका कहना – इस्लाम नगर किले में रानी महल, चमन महल, गौंड महल, शीश महल आदि बने हुए हैं। इसके चारों ओर किले की दीवारे हैं। इस बार किले की दीवारों के साथ हम रानी महल का रिनोवेशन 57 लाख की लागत से कर रहे हैं।
– केके बरई, डिप्टी डायरेक्टर, पुरातत्व संचालनालय