हैवानियत के बोल- मैं खुद फांसी लगा लेता
आरोपी अपनी करतूत के लिए खुद फांसी की सजा मांग कर रहा है। उसने पूछताछ में कहा कि पुलिस यदि दो घंटे उसे और गिरफ्तार नहीं करती तो वह खुद फांसी लगा लेता। अब अदालत मुझे यही सजा दे। उधर, सोमवार रात 12 बजे पुलिस आरोपी का घटना स्थल लेकर गई थी, जहां से कुछ सबूत मिले हैं।
आरोपी को देखते ही मारने दौड़ी मां, बोली-इसे फांसी दो
पुलिस ने परिजनों का कराया आरोपी से सामना: पिता सदमे में बैठा रहा, बहन ने सुनाई खरी-खोटी, लेकिन मां का गुस्सा फूट पड़ा
मासूम का रेप और हत्या के आरोपी विष्णु का सोमवार रात बच्ची की मां, बहन और पिता से सामना कराया गया। जैसे ही मां की नजर विष्णु पर पड़ी, उनका खून खौल गया। वह उसे मारने दौड़ीं, बोली-इसे फांसी दे दो। पुलिस ने उन्हें संभाला। वह करीब पांच मिनट तक विष्णु को मारने के लिए जतन करती रहीं। बहन ने भी आरोपी को खरी-खोटी सुनाई। इधर, पिता सदमे में होने के कारण कुछ भी नहीं बोल सके।
कोर्ट में बोला-खुद वकील नियुक्त करूंगा
आरोपी पुलिस से भले ही गुनाह कबूलते हुए सजा की मांग करता रहा, लेकिन कोर्ट में उसके सुर बदल गए। जज ने पूछा कि यदि वकील नियुक्त करने में असमर्थ हैं तो उसे विधिक सेवा प्राधिकरण से वकील नियुक्त किया जा सकता है। इस पर विष्णु बोला वकील खुद नियुक्त करूंगा। कोर्ट की कार्यवाही करीब 10 मिनट चली।
आरोपी ने अप्राकृतिक कृत्य भी किया
जिला अदालत में भारी सुरक्षा घेरे के बीच विष्णु को दोपहर साढे 12 बजे पेश किया गया। आरोपी ने बच्ची के साथ अप्राकृतिक कृत्य भी किया था। पुलिस ने अब उसके खिलाफ इसकी धारा बढ़ा दी है।
निगम ने पीडि़त परिवार को दिखाए आवास
इधर, पीडि़त परिवार ने कमलानगर में न रहने की इच्छा जताई तो एडीएम के माध्यम से निगम की एक टीम ने मंगलवार को पीडि़ता के परिजनों को राजधानी में कुछ इलाकों में आवास दिखाएं हैं।
वकील नहीं करेंगे जघन्य मामले में पैरवी
मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में राजधानी के वकील आरोपी की पैरवी नहीं करेंगे। जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष विजय चौधरी ने बताया कि बार एसोसिएशन का कोई भी सदस्य मुकदमे में पैरवी नहीं करेगा।
बाल संरक्षण आयोग ने डीआइजी को कहा- थाना प्रभारी को भी करें निलंबित
इस मामले में बाल संरक्षण आयोग ने उप महानिरीक्षक भोपाल रेंज को 6 बिंदुओं पर उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा है कि इस घटना में प्राथमिकी दर्ज करने के बजाय पुलिस ने संवेदनहीन रवैया अपनाया और किसी के साथ भाग जाने जैसी अमर्यादित बात कही। आयोग ने कहा कि 6 कर्मचारियों को निलंबित करना ही पर्याप्त नहीं है।
संबंधित थाना प्रभारी को भी निलंबित किया जाए। तीसरे बिंदु में कहा गया है कि जेजे एक्ट के प्रावधानों के अनुसार हर थाने में एक बाल कल्याण पुलिस अधिकारी होता है। इसकी जांच की जाना चाहिए कि वह अधिकारी उस दिन इस मामले में सक्रिय क्यों नहीं रहा।
भवानी चौक पर धरने पर बैठे पूर्व सीएम चौहान, पोस्टकार्ड पर करवाए दस्तखत
मासूम बच्चियों के साथ दरिदंगी करने वालों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के बाद मृत्युदंड देना चाहिए। मंगलवार को इस मुद्दे पर भवानी चौक पर भाजपा नेताओं ने धरना दिया और लोगों से सुप्रीम कोर्ट भेजने के लिए पोस्टकार्ड पर दस्तखत करवाए। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश में बलात्कार दुष्कर्म और हत्या के लिए केंद्र सरकार ने फांसी की सजा का कानून बनाया है,
लेकिन अदालतों में लंबित प्रकरणों के कारण सजा में देरी हो रही है। धरने में महापौर आलोक शर्मा, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, विकास विरानी, राकेश कुकरेजा मौजूद रहे। भाजपा ने इसी मामले में शाम को रोशनपुरा चौराहे पर श्रंद्धाजलि सभा का आयोजन किया जिसमें पूर्व सीएम शिवराज सहित सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
आइजी ने स्वीकारा, पुलिस संवेदनशील नहीं है, इसलिए बच्ची का रेप और हत्या हुई
बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में आइजी योगेश देशमुख ने मंगलवार को पुलिस कंट्रोल रूम में स्वीकार किया कि भोपाल पुलिस संवेदनशील नहीं है। इसी वजह से बच्ची का रेप कर हत्या कर दी गई। ये वारदात रोकी जा सकती थी।
उन्होंने कहा कि पुलिस को संवेदनशील बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। रेप जैसे जघन्य अपराध देख पुलिसकर्मी गोली मार सकता है। इसमें मानव अधिकार का हनन नहीं होगा। राजधानी में गैंग और बदमाशी नहीं चलेगी। पुलिस किसी के दबाव में काम नहीं करेगी।
चेताया: रेप जैसे जघन्य अपराध देख पुलिसकर्मी गोली मार सकता है
पुलिस की कमियां दूर करेंगे
आइजी ने कहा कि पुलिस में कमियां हैं। आइजी होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि इन्हें दूर करूं। पुलिस को संवेदनशील होना होगा। अपराधों में कमी लाने और बेहतर समाज के लिए नए सिरे से नगर सुरक्षा समिति के साथ दूसरी एजेंसियों को भी पुलिस अपने साथ जोड़ेगी। इस मौके पर डीआइजी इरशाद वली, एसपी मुख्यालय मिथलेश शुक्ला, एसपी साउथ संपत उपाध्याय, एसपी नॉर्थ शैलेंद्र सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।
अभिभावकों को दी जाएगी ट्रेनिंग
आइजी ने कहा कि छोटी बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों में आसपास के लोग या करीबी आरोपी होते हैं। पुलिस ने ऐसे स्थान चिह्नित किए हैं, जहां ऐसे अपराध होने की आशंका रहती है। यहां एनजीओ, पुलिस की टीम जाएगी और अभिभावकों को ट्रेनिंग देगी। गुड और बैड टच के बारे में बताएगी। पुलिस अफसर यहां का नोडल होगा। वह हर संभव मदद करेगा। ये टीम स्कूल-कॉलेज, बस्तियों में जाकर समस्याएं जानेगी।
यहां फिर लापरवाही: छात्रा को छेड़ा, पुलिस बोली-ऐसा होता रहता है, आपस में खत्म कर लो मामला
भोपाल. कमला नगर इलाके में बच्ची की गुमशुदगी दर्ज न करने के बाद हनुमानगंज थाना पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। आठवीं की छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ की एफआइआर दर्ज कराने थाने पहुंचे परिजनों को पुलिस आपस में मामला खत्म करने की सलाह देती रही। पुलिस ने इसे सामान्य घटना बताते हुए कहा कि ऐसा होता रहता है।
परिजनों के विरोध के बाद एफआइआर हुई और आरोपी को गिरफ्तार किया गया। जानकारी के मुताबिक सिलावटपुरा सब्जी मंडी निवासी 12 वर्षीय किशोरी आठवीं की छात्रा है। उसने बताया कि सोमवार रात साढ़े दस बजे वह छत पर टहल रही थी। इसी बीच पडो़स के खाली मकान में चौकीदारी करने वाले नंदकिशोर ने नीचे बुलाया।
किशोरी नीचे पहुंची तो आरोपी ने उसका हाथ पकडकऱ अंदर की तरफ खींच लिया। शोर मचाने पर उसका मुंह हाथ से दबा दिया और दूसरी मंजिल में ले जाने की कोशिश करने लगा। जैसे-तैसे किशोरी खुद को आरोपी के चंगुल से छुड़ाकर घर पहुंची। इसके बाद परिजनों को नंदकिशोर की करतूत बताई। परिजन इसकी शिकायत करने हनुमानगंज थाने गए।
बेतुकी बात करती रही पुलिस
किशोरी के बड़े भाई ने बताया कि रात 11 बजे एफआइआर के लिए थाने पहुंचे। यहां पुलिस ने कहा कि आपस में समझ लो, एफआइआर से कुछ नहीं होता, ऐसा होता रहता है। इसका विरोध करने पर टीआई एफआइआर के लिए राजी हुए।