भोपाल रेलवे स्टेशन के पास 12 साल की बच्ची के साथ हुए रेप मामले में जीआरपी टीआई हेमंत श्रीवास्तव की बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है। रेलवे चाइल्ड लाइन से सूचना मिलने के बाद भी टीआई ने मामला दर्ज नहीं किया। टीआई ने चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों से यह कहकर पीडि़ता को बालिका गृह में रखने को कहा कि क्या सबूत हैं कि बच्ची के साथ रेलवे स्टेशन में ही रेप हुआ है। ऐसे में चाइल्ड लाइन ने बच्ची को बालिका गृह को सौंप दिया। टीआई अब पूरे मामले को दबाने में जुटे हैं। वहीं, कहानी यह बनाई जा रही कि जिस दिन बच्ची मिली उस दिन यह खुलासा नहीं हो सका था कि वह गर्भ में है, उसके साथ दुष्कर्म हुआ है। जबकि चाइल्ड लाइन ने उसी दिन बच्ची का मेडिकल कराया था। मेडिकल में उसके गर्भ में होने की पुष्टि हुई थी।
भोपाल गैंग रेप : इलाज और शिक्षा का जिम्मा सरकार का
भोपाल। राजधानी में हुई गैंगरैप की वारदात के बाद महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने बुधवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की। उधर, चिटनीस ने भरोसा दिलाया है कि गैंगरेप पीडि़त 12 वर्षीय मासूम के इलाज, शिक्षा और पुनर्वास का पूरा इंतजाम प्रदेश सरकार करेगी। चिटनीस ने बताया कि सरकार जल्द ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए बड़े कदम उठा सकती है। चिटनीस बुधवार शाम बच्ची को देखने सुल्तानिया अस्पताल भी पहुंचीं। उन्होंने बालिका को जनरल वार्ड से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कराया।
महिला आयोग ने सीएम को लिखा पत्र
भोपाल। राजधानी में कुछ दिन पहले हुए गैंगरेप पर हंसने वाली भोपाल की पूर्व रेल एसपी अनीता मालवीय के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए महिला आयोग ने बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा, जिसमें महिला आयोग की अध्यक्ष लता वानखेड़े ने अपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की।
लता वानखेड़े ने लिखा है कि लोक सेवक के कर्तव्यों की अवहेलना करने वाली अधिकारी के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए। चूंकि अधिकारी भी महिला है और एक महिला के साथ हुए दुष्कर्म को वह मजाक के रूप में ले रही थी। अधिकारी का स्थानांतरण बस किसी तरह से उनकी प्रवृत्ति नहीं बदल सकता।