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चालान पेश करने पुलिस पहुंची कोर्ट, जज ने वापस लौटाया

locationभोपालPublished: Aug 29, 2018 08:04:57 am

Submitted by:

Bharat pandey

मूक-बधिर छात्राओं से दुष्कर्म के मामले में 80 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। गवाहों में पीडि़त मूक-बधिर छात्राएं, उनके परिजन, सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी, डॉक्टर और पुलिसकर्मी शामिल हैं।

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Rape of deaf-mute students

भोपाल। मूक-बधिर छात्राओं के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में विशेष जांच दल मंगलवार को कोर्ट में चालान पेश करने पहुंचा। जांच अधिकारी हबीबगंज सीएसपी भूपेन्द्र सिंह करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मियों के साथ चालान लेकर अदालत पहुंचे थे। आरोपी अश्विनी शर्मा की रिमांड पेशी 29 अगस्त को होने से अदालत ने चालान नहीं लिया। पुलिस विशेष सत्र न्यायाधीश एट्रोसिटी एक्ट पंकज गौड़ की अदालत में पहुंची थी।

मामले के मुख्य आरोपी अश्विनी शर्मा जेल में बंद है। शर्मा की रिमांड पेशी बुधवार को है। जज ने पुलिस को बुधवार को अश्विनी शर्मा के सामने चालान पेश करने कहा। इसके बाद पुलिस दल बगैर चालान पेश किए वापस लौट गया। सरकारी वकील पुनीत तिवारी ने बताया कि चालान करीब साढ़े 700 पन्नों का है। पुलिस ने मामले में करीब 80 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। गवाहों में पीडि़त मूक-बधिर छात्राएं, उनके परिजन, सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी, डॉक्टर और पुलिसकर्मी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि छात्रावास में मूक-बधिर छात्राओं के साथ दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अश्विनी शर्मा के खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज किए थे। जिस चालान को पेश करने पुलिस अदालत पहुंची थी वो अवधपुरी थाने का पहला मामला है। इसके अलावा एक मामले की जांच सीएसपी जयंत राठौर और एक अन्य मामले की जांच महिला थाना प्रभारी के पास है।
सामाजिक न्याय विभाग को नोटिस देगी एसआईटी
अश्विनी को सरकारी अनुदान देने वाले सामाजिक न्याय विभाग को एसआईटी नोटिस देगी। नोटिस में पुलिस उन सवालों के जवाब मांगेगी, जो अपराध से जुड़े होंगे। बुधवार को पुलिस नोटिस भेज सकती है। एसआईटी प्रमुख एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया कि अनुदान की जांच पुलिस नहीं करेगी। सामाजिक न्याय विभाग इसकी जांच कर सकता है।
87 गवाहों को किया शामिल
एसआईटी ने दुष्कर्म के एक मामले में 87 लोगों को गवाह बनाया है। इनमें 37 गवाह पुलिस की प्रमुखता सूची में हैं। बाकी गवाह दूसरी वरीयता में रहेंगे। गवाहों में साइन लैंग्वेज के एक्सपर्ट के साथ हॉस्टल में रहने वाली युवतियां और पीडि़ताओं के परिजन शामिल हैं।

नाबालिग बेटे को उकसाकर कराती थी लूट, मां को 3 साल की सजा
भोपाल। नाबालिग बेटे को उकसाकर लूट कराने वाली काजी कैंप निवासी मां अफरोज बी को अदालत ने 3 साल सश्रम कारावास और 2 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। बेटे को लूट और चोरी के लिए उकसाने के मामले में मां को यह पहली सजा है। अपर सत्र न्यायाधीश भूभास्कर यादव ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया है

। मामला हबीबगंज थाने का है। सरकारी वकील मंजू जैन सिंह ने बताया कि काजी कैंप निवासी अफरोज अपने 15 वर्षीय नाबालिग बेटे आसिफ को लूट और चोरी करने के लिए उकसाती थी। यह बात पूछताछ में खुद आसिफ ने पुलिस को बताई थी। आसिफ खान ने मां के उकसाने पर 16 सितंबर 2016 को शाम करीब 6 बजे 12 नंबर स्टॉप से पैदल अरेरा कॉलोनी स्थित घर जा रही महिला किरण भाटिया से पर्स लूट लिया था। पर्स में मोबाइल फोन, नगदी सहित अन्य सामान था। पुलिस ने पर्स और लूटा गया सामान आसिफ से बरामद किया था। आसिफ ने पुलिस को बताया था कि उसने मां के कहने पर लूट की थी। पुलिस ने आसिफ के साथ ही मां के खिलाफ भी लूट के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया था।

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