script10 साल बाद दिखाई दी दुर्लभ ग्रे बेलिड कुक्कू | Rare Gray Belly Cucumber appeared after 10 years | Patrika News

10 साल बाद दिखाई दी दुर्लभ ग्रे बेलिड कुक्कू

locationभोपालPublished: Jul 02, 2018 08:11:17 am

Submitted by:

hitesh sharma

भोपाल बर्ड्स एवं सारस जैवविविधता केंद्र द्वारा पक्षी दर्शन मानसून बर्ड ट्रेल कार्यक्रम का आयोजन कोलार बांध पर किया गया

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भोपाल। भोपाल बड्र्स एवं सारस जैवविविधता केंद्र द्वारा पक्षी दर्शन मानसून बर्ड ट्रेल कार्यक्रम का आयोजन कोलार बांध पर किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य वर्षा ऋतू के समय दिखने वाले पक्षिओं का दर्शन करवाना था। कार्यक्रम के प्रारंभ में पक्षी दर्शन एवं मानसून में मिलने वाली प्रजातियों के बारे में जानकारी प्रतिभागियों को दी गई।

वर्षा ऋतू में कई पक्षी प्रजातियां अपना घोंसला बनाती हैं इनके बारे में भी विशेष जानकारी विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को दी। कार्यक्रम के दौरान आए 25 प्रतिभागियों ने पक्षिओं की लगभग 50 प्रजातियों को चिन्हित किया, इनमें प्रमुख रूप से ग्रे बेलिड कुक्कू, इंडियन कुक्कू, पाइड क्रेस्टेड कुक्कू, इंडियन पिटा, वाइट बेलिड ड्रोंगो, रैकेट टेल ड्रोंगो, स्माल मिनिवेट, वाइट ऑय, ब्लैक हुडेड ओरियल, पैराडाइस फ्लाईकैचर आदि को देखा गया।

एक्सपर्ट के रूप में डॉ. मनोज कुमार शर्मा (प्रभारी वैज्ञानिक, क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय) और डॉ. संगीता राजगीर (भोपाल बड्र्स) मौजूद थे। ग्रुप समय-समय पर लोगों को पक्षियों और पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन करता है।

दल को भ्रमण के दौरान ग्रे-बेलीड कोयल दिखाई दी, 2& सेमी लंबाई में छोटे कुक्कू में से एक है। एक्सपर्ट्स के अनुसार वयस्क मुख्य रूप से एक सफेद निचले पेट और उपक्रम के साथ भूरे रंग के होते हैं। पंखों पर एक सफेद पैच है। कुछ मादाएं एक निर्बाध पूंछ के साथ ऊपर काले-बालों वाले लाल भूरे रंग के होते हैं। किशोर मादा जैसा दिखता है लेकिन हल्के भूरे रंग का होता है।

भारत और श्रीलंका से दक्षिण चीन और इंडोनेशिया तक ग्रे-बेलीड कुक्कू पाई जाती है। यह एक छोटी दूरी के प्रवासी है ओर हल्की वुडलैंड और खेती वाले क्षेत्रों को पसंद करती हैं। ग्रे-बेलीड कोयल एक ब्रूड परजीवी है और मेजबानों के रूप में वारब्लर्स का उपयोग करता है। यह एक अंडा देता है। इसके आहार में विभिन्न कीड़े और कैटरपिलर होते हैं। यह भोपाल के आस पास बहुत वर्षों बाद देखी गई है।

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