scriptरातापानी सेंचुरी के एक और तेंदुए की मौत, रेलवे ट्रैक पर मिल चुकी है कई वन्यजीवों की लाश | ratapani tiger reserve leopard dead body found on track 18 nov 2019 | Patrika News

रातापानी सेंचुरी के एक और तेंदुए की मौत, रेलवे ट्रैक पर मिल चुकी है कई वन्यजीवों की लाश

locationभोपालPublished: Nov 20, 2019 02:35:42 pm

Submitted by:

Manish Gite

मिडघाट सेक्शन पर एक और तेंदुआ ट्रेन की चपेट में आया…।

leopard attack video in madhya pradesh

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भोपाल। औबेदुल्लागंज से लगी रातापानी सेंचुरी में वन्य प्राणियों के ट्रेन से कटने का सिलसिला थम नहीं रहा है। वन विभाग भी इन हादसों को रोकने में नाकाम रहा है। बरखेड़ा परिक्षेत्र के केरीचौका में रविवार रात को एक तेंदुआ ट्रेन की चपेट में आ गया। इससे उसकी मौत हो गई। सोमवार को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम की मौजूदगी में तेंदुए के शव का पोस्ट मार्टम कर जंगल में अंतिम संस्कार कर दिया गया।


रातापानी अभ्यारण अधीक्षक प्रदीप त्रिपाठी के मुताबिक वन मंडल औबेदुल्लागंज के बरखेड़ा परिक्षेत्र की केरीचौका बीट के पास रेलवे ट्रैक पर सोमवार सुबह एक नर तेंदुए का शव मिला था। तेंदुए की उम्र एक साल थी। ट्रेन की टक्कर से पूंच व एक पंजा कट गया, जबकि जबड़ा चकनाचूर हो गया था।

 

अक्सर ट्रैक पर होते हैं हादसे
रातापानी सेंचुरी से लगे रेलवे ट्रैक पर कुछ माह पहले भी एक तेंदुए की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो गई थी।, जबकि मिडघाट सेक्शन में एक बाघिन का क्षतविक्षप्त शव मिला था।

 

दिसम्बर 2016 में हुई थी बाघिन की मौत
29 दिसम्बर 2016 को भी एक दुखद समाचार मिला था। एक ही दिन में एक बाघिन और एक तेंदुए की मौत हो गई थी। बुदनी से पहले मिडघाट सेक्शन में एक बाघिन ट्रेन से कट गई, जबकि रायसेन के जंगल में करंट लगने से तेंदुए की मौत हो गई थी। इस बाघिन की मौत से एक सप्ताह पहले भी एक बाघ का शावक सड़क पार करते समय अज्ञात वाहन की चपेट में आ गया था। बाद में उसका शव मिला था।

औबेदुल्लागंज से बुदनी तक का पूरा इलाका रातापानी सेंचुरी से जुड़ा हुआ है। इस सेंचुरी में कई बाघ, भालू और तेंदुओं का मूवमेंट अक्सर रहता है। यह जानवर अक्सर रेलवे ट्रेक तक आ जाते हैं।


करेंट से तेंदुए की मौत
दिसंबर 2016 में ही रायसेन जिले के टिकोदा बीट के पास एक खेत में मादा तेंदुए का शव मिला था। यहां स्थित नरवर गांव के एक खेत में बिजली के तारों से करंट लगने से तेंदुए की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। ग्रामीणों ने फारेस्ट विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी थी।


शिकारियों की गोली से मरा बाघ
बैतूल के पास राठीपुर के जंगल में शिकारियों की गोली से घायल मिले बाघ की मौत हो गई। राठीपुर से इस घायल बाघ को 08 अप्रैल 2017 को भोपाल के ‘रेस्क्यू सेंटर’ में लाया इलाज के लिए लाया गया था। जहां तमाम कोशिशों के बावजूद बाघ को बचाया नहीं जा सका।

 

 

32 बाघों की मौत
2016 में ही 32 बाघों की मौत हो गई। यह आंकड़ा देश में सबसे अधिक है। इससे पहले 2014 में वन विभाग के मुखिया ने एनटीसीए को पत्र लिखकर शहडोल, कटनी और उमरिया में ट्रेनों की गति धीमी करने का अनुरोध किया था। जिससे वन्य प्राणियों की सुरक्षा हो सके। यह भी खास बात है कि इसी साल बरखेड़ा से बुदनी सेक्शन के बीच 15 किलोमीटर के दायरे में पांच-पांच फीट फेंसिंग लगाने की योजना बनाई गई थी। बाघों की मौत का आंकड़ा इन दो सालों में और अधिक बढ़ गया है। जबकि पिछले कुछ दिनों से बाघों की गिनती भी चल रही है।

 

फारेस्ट चाहता है ट्रेनों की गति धीमी हो
तत्कालीन प्रधान मुख्य वन सरंक्षक वन्य प्राणी नरेंद्र कुमार ने NTCA को जून, 2014 में पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि शहडोल, बिलासपुर , कटनी और उमरिया में रेलवे से चर्चा करके रेलों की गति धीमा किया जाए ताकि वन्य जीवों की सुरक्षा हो सके। गौरतलब है कि फरवरी, 2016 में बरखेड़ा-बुदनी सेक्शन में 15 किमी वाले हिस्से में पांच-पांच फीट गार्ड फेंसिंग करने की योजना बनाई गई थी।

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