इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रावण में कुछ अच्छाई थीं तो अहंकार के रूप में बुराई भी थी। अहंकार उसे खा गया। उसने माता सीता का हरण किया। आज भी बेटियों से दुव्र्यवहार करने वाले कई रावण जिंदा हैं, ऐसे रावणों का वध जरुरी है। इसके लिए हमारी सरकार ने कानून भी बनाया था। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिवराज ने बच्चियों के साथ अपराध करने वालों को सजा दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के नाम पोस्टकार्ड लिखने की अपील भी जनता से की।
हजारों लोग बने आयोजन के साक्षी
भव्य आयोजन के हजारों लोग साक्षी बने। खचाखच भरे मैदान के साथ घरों की छतों और दूर पहाड़ी पर भी लोग रावण दहन देखने के लिए एकत्रित थे। पौने दस बजे मंच से श्रीराम ने अग्निबाण छोड़ा और 105 फीट ऊंचा रावण का पुतला धूं-धूं कर जलने लगा। दशानन का एक-एक सिर जमीन पर गिरने लगा और पूरा मैदान जय श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा। इसके पहले 65 फीट के मेघनाद और 55 फीट के कुंभकर्ण के पुतलों का भी दहन किया गया। कार्यक्रम में अभा किरार महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष साधना सिंह, विधायक रामेश्वर शर्मा, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष बिजेश लुनावत, पत्रिका के स्थानीय संपादक पंकज श्रीवास्तव, डीजीएम सर्कुलेशन वीपीएस भदौरिया, यूनिट एडमिन हेड मुकेश अग्रवाल, विक्रमादित्य कॉलेज की दीपिका नरोलिया, समिति अध्यक्ष महेश मीना, सचिव रवीन्द्र यती सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
भजनों व रंगारंग कार्यक्रम की आकर्षक प्रस्तुति ने बांधे रखा
रावण दहन के पूर्व इंदौर के कलाकार सुनील कुमार ने शानदार भजनों की प्रस्तुति दी। ‘श्रीराम जानकी बैठे है मेरे सीने में’, ‘दुनिया चले ना श्रीराम के बिना’, ‘रामजी की निकली सवारीÓ जैसे भजनों ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। मुंबई की खुशी और नागपुर से आईं कीर्ति ने शानदार नृत्य की प्रस्तुति दी। इसी प्रकार मुंबई से आए बीट बॉक्सर दीपक सोनी ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं।
आतिशबाजी से रंगा पूरा आकाश
रावण दहन के बाद रंगारंग आतिशबाजी जयपुर और बांदा के कलाकारों ने की। उन्होंने चक्कर, फ्लावर सहित रंग बिरंगी आसमानी आतिशबाजी की। आतिशबाजी का यह दौर देर रात तक चलता रहा। इसी प्रकार मंच से डिजिटल आतिशबाजी का लुत्फ भी लोगों ने उठाया।