नाटक की कहानी एक गांव की है। गांव में रहने वाला एक युवा शहर से नाटक देख लौटता है, इधर गांव में दशहरा पर रामलीला का आयोजन होने वाला है। युवा ग्रामीणों से नाटक करने को कहता है, लेकिन कोई उसकी बात नहीं सुनता। इधर गांव में रहने वाले जमींदार की लक्ष्मी नाम की युवती पर गलत निगाह रहती है। नाटक में लक्ष्मी सीता के चरित्र और पति को राम चरित्र में रूप में पेश किया। साथ ही राज-शाही तरीके से जीने वालों के मन में बसे हुए रावण को उसके चरित्र में बखूबी पेश किया गया।
राम को जगाने की नीयत को बखूबी बताया
रावण जो रामायण पूर्व भी मौजूद था और आज भी हमारे समाज में मौजूद है। नाटक में इसी रावण प्रवृत्ति अनैतिक शक्ति का प्रस्तुतिकरण को दर्शाया गया है। नाटक में कलात्मक एवं भेदक नाटकीय बिम्बों की प्रस्तुति और राम को जगाने की नीयत को बखूबी बताया है। नाटक में कई गंभीर दृश्यों में संवाद और संगीत के साथ इस कदर प्रस्तुत किया गया है कि वो आम लोगों के सीधे मन और मस्तिष्क को झंकझोरता है।
नाटक की कहानी एक गांव की है। गांव में रहने वाला एक युवा शहर से नाटक देख लौटता है, इधर गांव में दशहरा पर रामलीला का आयोजन होने वाला है। युवा ग्रामीणों से नाटक करने को कहता है, लेकिन कोई उसकी बात नहीं सुनता। इधर गांव में रहने वाले जमींदार की लक्ष्मी नाम की युवती पर गलत निगाह रहती है। नाटक में लक्ष्मी सीता के चरित्र और पति को राम चरित्र में रूप में पेश किया। साथ ही राज-शाही तरीके से जीने वालों के मन में बसे हुए रावण को उसके चरित्र में बखूबी पेश किया गया।