दिल्ली और अजराड़ा घराने के कायदे किए पेश
अगली कड़ी में सुरेखा कांबले ने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने राग मालकौंस में अलाप जोड़ झाला की प्रस्तुति दी इसके बाद चोताल में एक बंदिश की प्रस्तुति दी जिसके बोल थे परमेश्वर प्रथम नाथ ब्रह्मम द्वितीय वैद कहो है... खे। इसके बाद गौतम शाक्य मुनि शुद्धोधन सुरज में... से अपनी वाणी को विराम दिया अंतिम कड़ी तबला वादक उदय प्रताप सिंह ने तीनताल में तबला वादन किया। इसमें परम्परागत उठान, पेशकार में लयकारी की प्रस्तुति दी। वहीं, अजराड़ा घराना के कायदे और दिल्ली घराने का कायदा पेश किया।