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भाजपा और कांग्रेस में अंदरूनी संग्राम शुरु, चुनाव से ठीक पहले पनपे असंतोष से दोनों पार्टियों के नेता आए टेंशन में

locationभोपालPublished: Jun 19, 2022 12:22:47 pm

– BJP व Congress के नेताओं ने पकड़ी प्रदर्शन की राह
– भाजपा पार्षद टिकट वितरण से दावेदार नाराज- उम्मीदवारों पर आरोप, परिवारवाद की वजह से अनुभवी दावेदार दरकिनार
– कांग्रेस जिलाध्यक्ष को सौंपे इस्तीफे
– पार्टी विद डिफरेंस में सब कुछ ठीक नहीं
– सांसद प्रज्ञा से लेकर जिलाध्यक्ष विधायकों के घरों के बाहर पहुंचे नाराज नेता
– चुनाव से ठीक पहले पनपे असंतोष से दोनों पार्टियों के नेता आए टेंशन में

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भोपाल। भाजपा नेताओं पर भोपाल के पार्षद टिकट वितरण में अपने चहेतों को मौका देने के आरोप लग रहे हैं। टिकट कटने से नाराज नेता एवं वंचित दावेदार शनिवार को सार्वजनिक बयान देते नजर आए। बरखेड़ा पठानी, नरेला, गोविंदपुरा क्षेत्रों के नेताओं ने सांसद प्रज्ञा को फोन कर इसके वीडियो बनाकर जारी किए।
तो वहीं टिकट बंटवारे से नाराज कांग्रेस के दावेदार नाराज समर्थकों ने भी भोपाल कांग्रेस जिलाध्यक्ष कैलाश मिश्रा को इस्तीफे सौंपे हैं। यह भी बताया जा रहा है कि दोनों ही पार्टियों में हुई इस अंदरूनी बगावत के चलते प्रदेश में मौजूद दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं के हाथ पांव फूल गए हैं। ऐसे में अब टेंशन में और वृद्धि को रोकने के लिए वे अब डेमेज कंट्रोल की प्लानिंग बना रहे हैं।
भाजपा के दावेदारों की ओर से सांसद प्रज्ञा को जारी वीडियो में नेता कहते नजर आए कि अनुभव को दरकिनार कर अपने परिजनों को टिकट दिलवाने में नेताओं ने जमकर मनमानी की है इसलिए वो पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। नाराज नेताओं ने कहा कि भाजपा में पार्टी विद डिफरेंस जैसा कुछ अब बचा नहीं है। मंत्री विश्वास सारंग के करीबी नीरज पचौरी को वार्ड 78 से टिकट दिए जाने पर सवाल उठाए गए। नीरज पचौरी के पिता पूर्व पार्षद हैं।
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वार्ड 37 से पूर्व पार्षद हेमराज कुशवाहा की पत्नी वंदना कुशवाहा को एवं वार्ड 52 से पूर्व पार्षद रामबाबू पाटीदार की पत्नी शीला पाटीदार को टिकट मिलने से दावेदार खिन्न नजर आए। वार्ड 44 से जिस पिंकी भदौरिया को टिकट मिला, वह पर कई आपराधिक केस होना भी सामने आया है।तत्कालीन कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने उसकी अपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए वर्ष 2019 में उसे तीन माह के लिए जिला बदर घोषित किया था। वार्ड 40 से बाबू मस्तान नामक बदमाश की पत्नी को टिकट देकर पार्टी ने नरेला विधायक की जिद को पूरा किया।
कई पुराने चेहरे दोबारा नहीं आए मैदान में
बीजेपी के कई पुराने पार्षदों के टिकट कट गए। इनमें सुषमा साहू भी शामिल हैं। वे मेयर की दावेदारी भी रही हैं, लेकिन उन्हें पार्षद का टिकट भी नहीं मिला। राम बंसल, कृष्णमोहन सोनी, घनश्याम कुशवाह, शैलेंद्र साहू को भी टिकट नहीं मिला।
चार सौ से ज्यादा दावेदार
पार्षद पद के लिए बीजेपी में इस बार 400 से ज्यादा दावेदार थे। प्रदेश कार्यालय के साथ जिला कार्यालय में भी दावेदारों की भीड़ रही। जिलाध्यक्ष पचौरी ने बायोडाटा लेकर कोर कमेटी के सामने रखे थे। नगर निगम का पिछला चुनाव वर्ष 2015 में हुआ था। कुल 85 में से बीजेपी के 55 पार्षद जीते थे। कांग्रेस के 26 पार्षद जीते थे, जबकि 4 निर्दलियों ने जीत हासिल की थी।
परिवारवाद हावी
जो नेता पार्टी के पदों पर आसीन हैं, उन्हें भी पार्टी ने टिकट दिए हैं। इनमें रविंद्र यति, राहुल राजपूत, मनोज राठौर, शैलेष साहू, विनीता साहू, महेंद्रङ्क्षसह ठाकुर, मुन्नी महावर, गीता माली, आनंदकुमार गुप्ता, वंदना जाचम, सरोज आसेटी आदि शामिल हैं। ये या उनके परिजन पार्टी के किसी न किसी पद पर आसीन हैं।
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इधर, कांग्रेस में भी टिकट नहीं दिए जाने से नाराज :
नगर निगम चुनाव टिकट वितरण में कांग्रेस में भी जमकर विरोध हो रहा है। शनिवार को भोपाल में टिकट के दावेदार नाराज समर्थकों ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष कैलाश मिश्रा को इस्तीफे सौंपे। नरेला एवं करोंद में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, कमलनाथ के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। वार्ड 13 से स्थानीय प्रत्याशी को कांग्रेस उम्मीदवार बनाए जाने के लिए स्थानीय निवासी ने आवाज उठाई। पीसीसी जाकर शाहिद अली, शबाना अली,रेहान गोल्डन, अब्दुल शफीक, नज्म अंसारी, मोहम्मद सगीर ने इस्तीफे सौंप दिए।

आप ज्वाइन किया
कांग्रेस पार्षद रईसा मलिक ने पहले ही आप पार्टी ज्वाइन कर ली है। मलिक महापौर प्रत्याशी बनाई गई हैं। शनिवार को भाजपा एवं कांग्रेस से नाराज अनेक कार्यकर्ताओं ने भी आम आदमी पार्टी ज्वाइन की। नाराज कार्यकर्ताओं का कहना था कि विधायक मसूद एवं अकील के कहने पर कई जिताई प्रत्याशियों के टिकट काटे गए हैं। कमलनाथ एवं दिग्विजय ङ्क्षसह समर्थकों को ज्यादा टिकट मिले हैं।

यहां पार्षद के लिए रात- 9 बजे तक 666 नामांकन जमा
नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद पद के लिए नामांकन फॉर्म जमा करने के अंतिम दिन शनिवार को नामांकन स्थलों पर जमकर भीड़ उमड़ी। दिन में तीन बजे तक टोकन ले चुके नेताओं के नामांकन दाखिल करने का सिलसिला भोपाल में देर रात तक चलता रहा। रात 9 बजे तक 666 पार्षद उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल हुए। इनमें से आधे से ज्यादा शनिवार को ही जमा हुए। एमपी नगर, हुजूर और गोविंदपुरा सर्कल में सबसे ज्यादा भीड़ रही। वहां कार्यालय के बाहर जाम की स्थिति बनी रही। क्योंकि नेता नामांकन दाखिल करने अपने समर्थकों और ढोल-ढमाकों के साथ पहुंचे।

ऐसे समझें, कहां कितने नामांकन?-

कार्यालय : कितने नामांकन
एमपी नगर: 195
गोविंदपुरा : 134
हुजूर : 52
कोलार : 41
शहर सर्कल: 134
बैरागढ़ : 110
(मेयर के 12 नॉमिनेशन भरे गए, नामांकन की जांच 20 जून को)

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