आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन और सदस्य सरबजीत सिंह की खण्डपीठ ने 12 जुलाई, 18 को केन्द्रीय जेल भोपाल में विचाराधीन महिला बंदी सरस्वती उर्फ सरला पत्नी विकास कुमार अहिरवार द्वारा 10 अगस्त, 2015 को जहरीले पदार्थ के सेवन कर लेने से उपचार के दौरान मृत्यु हो जाने के मामले की सुनवाई की ।
तथ्यों की गंभीर जांच में आयोग ने पाया कि जेल एवं पुलिस प्रबन्धन की उपेक्षा व लापरवाही के कारण ही यह घटना हुई जिसमें प्रतिनिधिक दायित्व के तहत मध्यप्रदेश शासन को दायित्वाधीन माना जा सकता है। तथ्यों के मद्देनजर आयोग ने मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा-18 के तहत अंतिम अनुशंसा की है।
आयोग ने इस सिलसिले में मृितका के उत्तराधिकारियों (दो नाबालिग बच्चों) को पांच लाख की प्रतिपूर्ति राशि एक माह में अदा किए जाने की अनुशंसा के साथ ही दोषी पाए गए लोक सेवकों की विभागीय जांच करने और जेलों में आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित किए जाने की ताकीद की है। आयोग ने यह भी अपेक्षा की है कि बंदियों पर नजदीकी नजर रखी जाए, जिससे वे किसी भी प्रकार का आत्मघाती कदम न उठा पाएं।
आयोग द्वारा अनुशंसा की प्रति मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव जेल विभाग, अपर मुख्य सचिव गृह विभाग, पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश एवं जेल महानिदेशक जेल मुख्यालय, भोपाल को भेज दी गई है। मानव अधिकार हनन के इन प्रकरणों में आयोग ने लिया संज्ञान पोषण आहार के पैकेट में निकले प्लास्टिक के दाने
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मुरैना जिले की कुडिहार आंगनबाड़ी केन्द्र पर गर्भवती महिलाओं को बांटे गए पोषण आहार पैकेटों में प्लास्टिक के दाने निकलने के मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर मुरैना से पन्द्रह दिन में प्रतिवेदन मांगा है।
शराबियों ने बच्चा चोरी के शक में पीटकर की हत्या
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने डिंडौरी में कुछ शराबियों की भीड़ द्वारा एक व्यक्ति को बच्चा चोरी के शक में पीटकर हत्या किये जाने के मामले में संज्ञान लेकर पुलिस अधीक्षक डिंडोरी से 21 दिन में प्रतिवेदन मांगा है।
गलत उपचार के कारण किशोर बालक की मृत्यु
ग्वालियर में डॉक्टर के गलत उपचार के कारण किशोर बालक की मृत्यु हो जाने के मामले में आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, ग्वालियर से 21 दिन में प्रतिवेदन मांगा है।