साइंस सीखने के साथ दिल होगा मजबूत
साइंस पार्क में साइंस, गेम और हेल्थ के कॉम्बिनेशन से एक नया एक्जीबीशन शुरू किया है। इसमें विजिटर साइकलिंग कर बॉल को उपर की तरफ उठाते हैं। देर तक बॉल को टॉप पर मेंटेन कर पाना इसमे चुनौती है। इसका नाम ‘लिफ्ट द बॉल फॉर ए हेल्दी हार्ट’ है। क्यूरेटर ने बताया कि युवाओं में कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए इसे बनाया गया है। इसके पीछे साइंस के प्रेशर और थ्रस्ट कांसेप्ट को समझाया है।
साइंस पार्क में साइंस, गेम और हेल्थ के कॉम्बिनेशन से एक नया एक्जीबीशन शुरू किया है। इसमें विजिटर साइकलिंग कर बॉल को उपर की तरफ उठाते हैं। देर तक बॉल को टॉप पर मेंटेन कर पाना इसमे चुनौती है। इसका नाम ‘लिफ्ट द बॉल फॉर ए हेल्दी हार्ट’ है। क्यूरेटर ने बताया कि युवाओं में कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए इसे बनाया गया है। इसके पीछे साइंस के प्रेशर और थ्रस्ट कांसेप्ट को समझाया है।
गेम के जरिए इलेक्ट्रोमेग्नेटिक फील्ड को समझें
स्लाइड जैसे शेप पर बॉल को बिना किसी सपोर्ट के एक जगह रोक रखना अपने आप में एक चैलेंज है। नई एक्जीबीशन इसी पर आधारित है इसमें सैडल को नॉब की मदद से एक निश्चित गति देने के बाद उस पर बॉल रखनी है। सेन्ट्रीफ्यूगल फोर्स के बाद बॉल बाहर की ओर गिरेगी। चारों ओर टकराने के बाद बॉल अपने आप सैडल पर आ जाएगी।
स्लाइड जैसे शेप पर बॉल को बिना किसी सपोर्ट के एक जगह रोक रखना अपने आप में एक चैलेंज है। नई एक्जीबीशन इसी पर आधारित है इसमें सैडल को नॉब की मदद से एक निश्चित गति देने के बाद उस पर बॉल रखनी है। सेन्ट्रीफ्यूगल फोर्स के बाद बॉल बाहर की ओर गिरेगी। चारों ओर टकराने के बाद बॉल अपने आप सैडल पर आ जाएगी।
इनोवेटिव आइडियाज़ पर स्टूडेंट्स कर रहे काम
इनोवेशन हब से अभी 20 स्टूडेंट्स जुड़े हुए हैं। ये बच्चे यहां टूटे-फूटे साइंस मॉडल्स से नया मॉडल डेवलप कर रहे हैं। इसके अलावा कबाड़ से भी जुगाड लगाकर नए मॉडल पर काम कर रहे हैं। स्टूडेंट्स के इनोवेटिव आइडियाज़ को प्लेटफॉर्म दिया जाता है।
इनोवेशन हब से अभी 20 स्टूडेंट्स जुड़े हुए हैं। ये बच्चे यहां टूटे-फूटे साइंस मॉडल्स से नया मॉडल डेवलप कर रहे हैं। इसके अलावा कबाड़ से भी जुगाड लगाकर नए मॉडल पर काम कर रहे हैं। स्टूडेंट्स के इनोवेटिव आइडियाज़ को प्लेटफॉर्म दिया जाता है।
बच्चों में साइंस के प्रति रूझान बढ़ाने के लिए नए एक्सपेरिमेंट किए जा रहे हैं। इनोवेशन हब से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाएगा। इससे यंग इंडिया स्टार्टअप के लिए तैयार होगा। आने वाले समय की चुनौतियों के हिसाब से बदलाव किए जा रहे हैं।
– साकेत सिंह कौरव, प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर, रीजनल साइंस सेंटर
– साकेत सिंह कौरव, प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर, रीजनल साइंस सेंटर