हाल में पकड़े गए 8 क्विंटल पनीर के मामले में 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट प्राप्त कर पनीर को जब्त कर उसके नष्ट कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अगर इसकी रिपोर्ट अन्य सैंपलों की तरह अटकी रहती तो ये पनीर भी बाजार में बिक जाता। सैंपल फेल होने से मिलावटखोरों का पनीर जब्त कर लिया, इससे मिलावटखोरों को आर्थिक नुकसान के साथ कानूनी प्रक्रिया भी फेस करनी होगी। कोर्ट में जाने से इस पर फैसला भी तत्काल होने की संभावना जताई जा रही है।
हर सैंपल की रिपोर्ट 24 से 48 घंटे में प्राप्त हो जाए ये भी संभव नहीं है। लेकिन पनीर, मावा, मिठाई, पिसे मसाले, सोयाबीन, सरसों का तेल, नमकीन और ऐसी खाद्य सामग्री जो हफ्ते दस दिन के अंदर बाजार में बिक जाती है। उसकी रिपेार्ट को प्राथमिकता देकर मिलावटखोरी पर शिकंजा कसा जा सकता है।
640 सैंपल जांच के लिए लैब भेजे भोपाल के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने एक साल के अंदर अलग-अलग खाद्य सामग्री के 640 सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे। इसमें से 500 की रिपोर्ट विभाग को प्राप्त हुई है, जिसमें से 100 के लगभग सैंपल फेल मिले हैं। पिछले डेढ़ माह में ही करीब सवा सौ सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
हकीकत ये है दो साल बाद तक आ रहीं रिपोर्ट – 17 नवंबर 2020 को सौरभ दूध के सैम्पल लिए गए। इसकी रिपोर्ट 22 दिसंबर 2022 को प्राप्त हुई। 12 जनवरी को इन पर 50 हजार का जुर्माना किया गया। जिस दूध के सैंपल थे वो बाजार में बिक गया।
– एमपी नगर स्थित हकीम होटल से दिसंबर 2019 में लाल मिर्च पाउडर और हल्दी पाउडर से सैंपल लिए। अक्टूबर 2021 में रिपोर्ट आई, सैंपल असुरक्षित निकले। इस मामले में एफआईआर तक कराई गई। लेकिन जिसके सैंम्पल लिए वह तो बिक गया।
वर्जन कई बार कुछ रिपोर्ट जल्द प्राप्त करनी होती है तो उसे जल्दी के लिए लिखते हैं। अभी कई जगह लैब और बन रही हैं, इससे रिपोर्ट में और तेजी आएगी। भोपाल के कई सैंपल इंदौर जांच के लिए भेजे रहे हैं। कुछ सैंपलों की रिपोर्ट देर से आ रही है, इसके बारे में पता करना होगा।
देवेंद्र दुबे, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी, भोपाल