वन विभाग की झांकी में दिखेगा बाघ
वन विभाग की झांकी का प्रमुख आकर्षण कपड़े से तैयार बाघ होगा। कारीगरों के अनुसार इस बाघ के लिए स्पेशल मुंबई से कपड़ा बुलाया गया है। इसे तैयार करने में करीब बीस दिनों का समय लगा। वहीं, एक झांकी में केशवगढ़ साहिब, आनंदपुर, दमदमा साहिब, बटिंडा, पोंटा साहिब, सिरमोर, मर्णिकर्ण, हिमाचल प्रदेश और तख्त सचखण्डजी, हुजूर साहिबा, नांदेड़ के गुरुद्वारा की झलक देखने को मिलेगी।
वन विभाग की झांकी का प्रमुख आकर्षण कपड़े से तैयार बाघ होगा। कारीगरों के अनुसार इस बाघ के लिए स्पेशल मुंबई से कपड़ा बुलाया गया है। इसे तैयार करने में करीब बीस दिनों का समय लगा। वहीं, एक झांकी में केशवगढ़ साहिब, आनंदपुर, दमदमा साहिब, बटिंडा, पोंटा साहिब, सिरमोर, मर्णिकर्ण, हिमाचल प्रदेश और तख्त सचखण्डजी, हुजूर साहिबा, नांदेड़ के गुरुद्वारा की झलक देखने को मिलेगी।
सीहोर में खुदाई में मिला था परमारकालीन मंदिर
सीहोर जिले के जावर तहसील में देवबड़ला में परमार काल के शिव मंदिर मिले थे। ये मंदिर टीलों के रूप में मिले थे। मई-2016 में इसे मलबे से निकालना शुरू किया गया। इस मंदिर का नीचे का अधिष्ठान भाग मिला था। पुरातत्व विभाग ने इस मंदिर की संरचना शुरू की थी। करीब एक हजार साल पुराना ये मंदिर भूमिज शैली का है। झांकी में लोगों को संपूर्ण मंदिर की झलक देखने को मिलेगी। लोगों को ये पता चल सकेगा कि मंदिर पुनर्निर्माण के बाद कैसा दिखेगा।
सीहोर जिले के जावर तहसील में देवबड़ला में परमार काल के शिव मंदिर मिले थे। ये मंदिर टीलों के रूप में मिले थे। मई-2016 में इसे मलबे से निकालना शुरू किया गया। इस मंदिर का नीचे का अधिष्ठान भाग मिला था। पुरातत्व विभाग ने इस मंदिर की संरचना शुरू की थी। करीब एक हजार साल पुराना ये मंदिर भूमिज शैली का है। झांकी में लोगों को संपूर्ण मंदिर की झलक देखने को मिलेगी। लोगों को ये पता चल सकेगा कि मंदिर पुनर्निर्माण के बाद कैसा दिखेगा।