दरअसल रेलवे पूर्व की तरह ही जनरल कोच में जनरल टिकट शुरू करने जा रही है, इसलिए इस सुविधा के साथ ही ट्रेन में कोच की संख्या घटाई जाएगी। इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि यदि किसी टे्रन में पहले स्लीपर, एसी कोच के साथ जनरल कोच जो डी-1, डी-2 के नाम से लगे थे, इनसी संख्या सात से आठ तक थी। अब जब सामान्य कोच में रिजर्वेशन बंद हैं, तो जनरल कोच भी घटाए जा रहे हैं। जिसमें इनकी संख्या पूर्व की तरह दो से चार तक ही रह जाएगी।
छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से हुई इसकी शुरुआत
कोच कम करने की शुरूआत छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से कर दी गई है। जानकारी के अनुसार जिन ट्रेन में सामान्य टिकट नहीं मिल रहे हैं, अब उनमें सिर्फ दो कोच को सामान्य करने की तैयारी चल रही है। जिस दिन सामान्य टिकट जारी करने का निर्णय लिया, उस दिन से 120 दिन तक आरक्षण नियम के तहत डी-1 से डी-4 कोच को नहीं हटाया गया, जो एक जुलाई से हटेंगे। चूंकि इन कोच में आरक्षण कम हैं, इसलिए इन्हीं के दो कोच को सामान्य टिकट देकर चलाया जाएगा। इन खाली बर्थ को सामान्य टिकट जारी करके भरने की कोशिश की जाएगी। हालांकि अभी टीटीइ द्वारा जुर्माना के साथ टिकट इन्हीं कोच के लिए बनाए जा रहे हैं। इसलिए अब रेलवे प्रशासन स्वयं ही कोच को कम करने की कवायद में जुट गया है। कुछ ट्रेन के लिए तो सामान्य टिकट प्रारंभ कर दिए गए हैं।
यूपी, बिहार सहित प्रदेश में उपद्रव का असर
सेना भर्ती को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा घोषित अग्निपथ योजना का विरोध शुरू हो गया है। यूपी, बिहार सहित प्रदेश में ग्वालियर सहित अन्य जगहों पर प्रदर्शन किया गया। जिसका असर रेलवे संचालन पर भी दिखाई दिया है। जानकारी के अनुसार कई जगहों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन के चलते कई ट्रेनह्य अपने निर्धारित समय से लेट हो गई। इसमें सचखंड एक्सप्रेस, झेलम एक्सप्रेस, पतालकोट एक्सप्रेस, गोरखपुर-ओखा एक्सप्रेस सहित अन्य लेट हुई।