महापौर के लिए आरक्षण-
भोपाल – ओबीसी महिला वर्ग के लिए आरक्षित
खंडवा – ओबीसी महिला वर्ग के लिए आरक्षित
मुरैना – अनुसूचित जाति (sc वर्ग) महिला
उज्जैन- अनुसूचित जाति (SC वर्ग) महिला के लिए आरक्षित
छिंदवाड़ा – अनुसूचित जाति वर्ग (sc) के लिए आरक्षित
सागर,ग्वालियर – सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित
कटनी,देवास – सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित
बुरहानपुर – सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित
इंदौर,जबलपुर – अनारक्षित
रीवा,सिंगरौली – अनारक्षित
25 नगर पालिका ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित ओबीसी वर्ग मुक्त नगर पालिका- सबलगढ़, शहडोल, सिरोंज, मैहर, सिवनी, मंडला, रहली, इटारसी, पनागर, जुन्नारदेव, राघोगढ़, मनावर ।
ऐसा होती है आरक्षण प्रक्रिया ?
बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव के वार्ड पार्षद या फिर अध्यक्ष पद सभी के लिए आरक्षण प्रक्रिया अपनाई जाती है। इन पदों को एक चक्रानुक्रम से आरक्षित किया जाता है। तीन कार्यकाल में एक चक्र पूरा होता है और फिर से चक्र की शुरुआत होती है। दो कार्यकाल में जिन निकायों में अध्यक्ष पद ओबीसी के लिए आरक्षित हो चुके होंगे उन्हें अब ओबीसी के लिए आरक्षण में शामिल नहीं किया जाएगा।
जनता सीधे चुनेगी महापौर
बता दें कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने फैसला किया है कि प्रदेश में जनता सीधे महापौर का चुनाव करेगी। इससे पहले कमलनाथ सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान महापौर का चुनाव सीधे जनता से न कराकर पार्षदों से चुने जाने की रुपरेखा तैयार की थी, कमलनाथ सरकार के इस फैसले को शिवराज कैबिनेट ने पलटते हुए एक बार फिर से जनता को सीधे महापौर के चुनाव का अधिकार दिया है।