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रहवासी परेशान ना हों, वार्डों में नहीं रुकेंगे 500 से अधिक निर्माण कार्य

locationभोपालPublished: Oct 08, 2018 01:20:57 am

Submitted by:

Ram kailash napit

निगमायुक्त ने जियो टेक से मंगाईं तस्वीरें, ताकि ठेकेदार ना कर पाएं किसी तरह के बहाने

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भोपाल. आप आचार संहिता में वार्ड में चल रहे विकास कार्यों के प्रभावित होने या इन पर रोक लगने की बात से परेशान हैं, तो चिंता छोड़ दें। इसके लिए रविवार को नगर निगम इंजीनियरों ने निर्माणाधीन सड़क, नाली, स्टॉप, पार्क, फुटपाथ समेत पांच सौ कार्यों की सूची जियो टेक फोटो के साथ निगमायुक्त कार्यालय में जमा करवा दीं। इन कार्यों के बदस्तूर चलते रहने को मंजूरी भी मिल गई है। निगम के हर जोन में 20 से 22 काम चल रहे हैं। सबसे अधिक कार्य कोलार के हैं। यहां सीसी रोड का निर्माण जारी है। राजहर्ष कॉलोनी से लेकर नम्रता नगर, अब्बास नगर रोड, सर्वधर्म, गेहूंखेड़ा, बैरागढ़ चीचली में कार्य किए जा रहे हैं। अशोका गार्डन पंजाबी बाग से लेकर वार्ड 71 की सुभाष कॉलोनी, सेमरा में नाली निर्माण किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में अमृत प्रोजेक्ट के तहत 7 करोड़ रुपए की लागत से नालों का काम शुरू हो चुका है। इसी तरह नेहरू नगर चौराहे का सौन्दर्यीकरण काम भी जारी रहेगा।

800 कार्यों की माप पुस्तिकाएं अधूरी
निगम में जोन के सब इंजीनियर को विकास कार्यों को माप पुस्तिका में दर्ज करना चाहिए। 800 कामों की माप पुस्तिकाएं पूरी नहीं हैं। इनमें 300 से अधिक काम पूरे हुए एक माह से अधिक हो गए। रोजाना की बजाय काम पूरा होने के बाद इंजीनियर इन पुस्तिकाओं को भरते हैं। इनके आधार पर ही ठेकेदार को भुगतान होता है।
पुरानी तारीख में नहीं शुरू कर पाएंगे नया काम
शहर में 1100 कामों के लिए भूमिपूजन हो चुके हैं। इनमें गीतांजलि गल्र्स कॉलेज और नूतन कॉलेज के बाहर महिला पुलिस केंद्र का काम भी शामिल है। भूमिपूजन किए गए कामों को एक नेताजी पुरानी तारीख में शुरू कराना चाहते थे, लेकिन जियो टेक फोटो के साथ निर्माण कार्यों की स्थिति मंगाने की वजह से अब ये संभव नहीं है।
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार जो काम चल रहे हैं, उनकी स्थिति एमबी व जियोटेक फोटो के साथ देने के लिए कहा था।
अविनाश लवानिया, निगमायुक्त
जो काम पहले से चल रहे है, उन्हें ही पूरा किया जाएगा। अभी तक यही निर्देश हैं, इसका पालन कर रहे हैं।
जितिन राठौर, उपाध्यक्ष, कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन
स्थायी डीन की नियुक्ति अटकी, पीजी सीटों पर संकट
भोपाल. जीएमसी में पीजी और सुपर स्पेशिएलिटी सीटें बढ़ाने की कवायद फैल होती दिख रही है। दरअसल, चिकित्सा शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते कॉलेज में स्थायी डीन की नियुक्ति नहीं हो सकी। आचार संहिता लगने के बाद अगली सरकार बनने तक नियुक्ति संभव नहीं है। जल्द ही एमसीआइ निरीक्षण करने आ रही है। स्थायी डीन ना होने पर काउंसिल सीटें बढ़ाने से इंकार कर सकता है। पिछली बार एमसीआइ ने नाराजगी जताई थी।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग आरएस जुलानिया ने 15 दिन पहले संभागायुक्त को पत्र लिखकर स्थायी नियुक्ति के निर्देश दिए थे। विज्ञापन भी जारी हुआ, लेकिन किसी ने रुचि नहीं दिखाई। वरिष्ठ प्राध्यापकों का कहना है कि डीन की नियुक्ति विभाग का आंतरिक मसला है, यह राजनीतिक नहीं है।
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