दिग्विजय सिंह ( Digvijaya Singh ) ने कहा- जम्मू कश्मीर के लोगों और कश्मीरियत के साथ हम उसी दृढ़ता से खड़े हैं, जितनी दृढ़ता से हम राष्ट्रीय एकता और लोकतंत्र के पक्ष में हैं। देश में तानाशाही की आहट है। ख़ुद सरकार ने भ्रम और आशंका का माहौल बनाया है। दिग्विजय सिंह ने इससे पहले कहा था कि आखिर ऐसा कौन सा पहाड़ टूट पड़ा कि सरकार को सेना भेजना पड़ा। दिग्विजय सिंह ने ये कहा था कि कश्मीर में क्या होगा इसकी जानकारी केवल तीन लोगों को थी। पीएम मोदी, अमित शाह और अजीत डोभाल।
वहीं, संसद भवन पहुंचने पर पत्रकारों ने शाह से कश्मीर पर बड़े फैसले को लेकर सवाल पूछा, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और मुस्कुरा कर अंदर चले गए। कांग्रेस ने दोनों सदनों में स्थगन नोटिस दिया और कार्यवाही से पहले गुलाम नबी आजाद के चेंबर में बैठक की।
कश्मीर के हालात को लेकर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि- कश्मीर में नेताओं को आधी रात में नजरबंद किया गया है। कश्मीर में स्थिति वास्तव में चिंताजनक है। सरकार को अपने इरादे स्पष्ट करने चाहिए। सिंधिया ने कहा- अनिश्चितता और भय ही स्थिति को खराब करने का काम करता है। सरकार को खुले, पारदर्शी और लोगों और विपक्षी नेताओं को विश्वास में लेना चाहिए।