हितग्राहियों की शिकायत पर विभाग ने इसकी जांच-पड़ताल की जिसमें सिवनी नगरीय निकाय के सीएमओ को सस्पेंड और 25 से अधिक सीएमओं और अधिकारियों को कारण बाताओ नोटिस जारी किया है। वहीं अन्य निकायों को भारत सरकार से मिलने वाली राशि को हितग्राही के बैंक खाते में तत्काल ट्रांसफर करने की नसीहत दी गई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में नगर निगम के अधिकारी और इंजीनियर रुचि नहीं ले रहे हैं। नगरीय निकाय भारत सरकार से राशि मिलने के बाद न तो हितग्राहियों को समय पर उसकी किश्त की राशि दे रहे हैं और न ही भारत सरकार के पोर्टल पर आवास निर्माण की प्रगति रिपोर्ट अपलोड कर रहे हैं।
इसके चलते भारत सरकार से आवास का पैसा समय पर नहीं मिल पा रहा है। जिन हितग्राहियों ने बीएलसी के योजना में आवास बना लिया है उनके खाते में निकाय पैसे ट्रांसफर नहीं कर रहे हैं। हितग्राहियों कोराशि आवंटित करने से जुड़े दस्तावेज अधिकारी अपने पास दबाए बैठे रहते हैं।
विभाग के पास हितग्राहियों की शिकायत मिलने के बाद प्रमुख सचिव संजय दुबे ने समीक्षा की। समीक्षा के दौरान नगरीय निकायों की कई खामियां उजागर हुई है। सबसे ज्यादा गड़बडिय़ां सिवनी, सागर, देवास, नरसिंगपुर, दमोह, सीधी, रीवा, पन्ना, नैनपुर, नागदा, जिरोन, खालसा नगरीय निकाय में मिली हैं।
नहीं हो रही जियो टेगिंग
प्रधानमंत्री आवास योजना में चल रहे निर्माण कार्यों की हर हफ्ते की जियोटेगिंग करना निकायों के लिए अनिवार्य है। जियोटेगिंग के माध्यम से इस कार्य की प्रगति रिपोर्ट भारत सरकार को दी जाती है।
इसी रिपोर्ट के आधार पर भारत सरकार पहली, दूसरी और तीसरी किश्त जारी करती है। निकाय के अधिकारी न तो प्रगति रिपोर्ट के संबंध में ऑन लाइन डाटा फीड करते हैं और न ही जियो टैग की रिपोर्ट दे रहे हैं। इसके चलते भारत सरकार से हितग्राहियों की किश्त भी नहीं मिल रही है।
कई नगरीय निकायों ने विवादित जमीन पर प्रधानमंत्री आवास योजना लांच कर दी है। इसके चलते गरीबों के आवास नहीं मिल पा रहे हैं। वहीं कई निगरीय निकायों ने योजना शहर से दूर लांच कर दी है, जिसके चलते हितग्राही वहां जाने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। जिससे आवास बनने के बाद वह खाली पड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों के खाते में किश्त ट्रांसफर नहीं करने वाले निकायों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। कई निकायों के सीएमओ को नोटिस भी जारी किए गए हैं। वहीं जिन निकायों की प्रगति अच्छी नहीं है अथवा वे जीआ टेगिंग के माध्यम से निर्माण की प्रगति रिपोर्ट अपलोड नहीं कर रहे हैं उन्हेंं भी कारण बाताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। – मीनाक्षी सिंह, अपर आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग