आरएसएस स्थान-स्थान पर शाखा लगाकर लोगों को जोड़ता है, इसके जवाब में सेवादल ने ध्वज वंदन कार्यक्रम शुरू किया है। सेवादल कार्यकर्ता तिरंगा फहराएंगे। ध्वज प्रणाम और वंदेमातरम् के साथ कार्यक्रम की शुरूआत होगी और समापन जनगणमन से होगा। सेवादल प्रत्येक माह के आखिरी रविवार को इस तरह के कार्यक्रम करेगा। दो दिन पहले जिला स्तर पर इसकी शुरूआत हुई। अब इसे ब्लॉक स्तर पर करने की तैयारी है। असल में कांग्रेस आमजन के बीच फिर से जगह बनाना चाहती है, इसलिए सेवादल ही सबसे बेहतर माध्यम पार्टी को नजर आता है।
सेवादल को फिर से खड़ा करने की तैयारी –
कांगे्रस यह मानती है कि भाजपा को सत्ता तक पहुंचाने में आरएसएस का बड़ा योगदान रहा, लेकिन यहां रीड़ की हड्डी माने जाने वाला सेवादल दिनों-दिन कमजोर होता गया। कांग्रेस के सभी सक्रिय कार्यक्रम सेवादल की मदद के बिना पूरे नहीं होते थे, लेकिन धीरे-धीरे कांग्रेस ने सेवादल को दरकिनार कर दिया। इसका असर पार्टी पर पड़ा। अब कांग्रेस इसे सहयोगी संगठन की तरह मजबूती प्रदान करने की तैयारी में है।
यह हो चुके हैं बदलाव –
सेवादल में धीरे-धीरे बदलाव किए जा रहे हैं। युवाओं को आकर्षित करने के लिए परम्परागत सफेद पेंट और सफेद शर्ट के स्थान पर जींस का पेंट और टी शर्ट, टोपी की जगह डिजास्टर कैप, यूथ बिंग का गठन किया, इसमें ३५ वर्ष से कम उम्र के लोग शामिल किए जा रहे हैं, सेवादल का नियंत्रण सीधे केन्द्र से, इसका अलग से बजट भी किया, जिससे उसको प्रदेश इकाई पर निर्भर न रहना पड़े।
देश की आजादी में कांग्रेस का योगदान रहा है। वास्तव में कांग्रेस को तिरंगा फहराने का अधिकार है। सेवादल अपने कार्यक्रम में तिरंगा फहराएगा। प्रत्येक माह के आखिरी रविवार को ध्वज प्रणाम कार्यक्रम होंगे, यहां राष्ट्रवाद, देशभक्ति के अलावा कांग्रेस के योगदान इत्यादि पर विमर्श होगा।
– योगेश यादव, मुख्य संगठक मध्यप्रदेश सेवादल