मनमानी करने वाले 45 स्कूल वाहन मालिकों पर प्रकरण दर्ज, 2.56 लाख जुर्माना वसूला
इस गाइडलाइन का पालन जरूरी
1. स्कूल/कॉलेज बसों को पीले रंग से पेंट किया जाना चाहिए।
2. बसों के आगे और पीछे बड़े अक्षरों में स्कूल बस लिखा जाए। किराए की है तो आगे एवं पीछे विद्यालयीन सेवा लिखा जाए।
3. बस में निर्धारित सीटों से अधिक संख्या में बच्चे नहीं बैठाएं
4. बस में अनिवार्य रूप से फस्र्ट ऐड बॉक्स की व्यवस्था हो।
5. खिड़कियों में आड़ी पट्टियां फिट करवाई जाएं।
6. अग्नि शमन यंत्र होना जरूरी।
7. स्कूल का नाम और टेलीफोन नम्बर लिखा हुआ हो।
8. दरवाजे पर सिटकनी लगी हों।
9. बस्ते रखने सीटों के नीचे जगह की व्यवस्था की जानी चाहिए।
10. बच्चों को लाते-ले जाते समय एक शिक्षक रहे जो एस्कॉर्ट करें।
11. सुरक्षा की ²ष्टि से माता-पिता, स्कूल शिक्षक को भी यात्रा कर सुरक्षा मापदंडों को जांचना चाहिए।
12. वाहन चालक को भारी वाहन चलाने का ५ वर्ष का अनुभव हो।
13. कोई ड्रायवर वर्ष में दो बार से अधिक ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का दोषी मिलता है तो ऐसे व्यक्ति को ड्रायवर नहीं रखना चाहिए।
14. कोई ड्रायवर वर्ष में एक बार भी ओवरस्पीडिंग और नशे का दोषी है तो ड्रायवर नहीं रखना चाहिए।
15. स्कूल बसों एवं लोक परिवहन यानों में स्पीड गवर्नर की अनिवार्यता।
16. बसों में 02 कैमरे चालू हों, एक कैमरा आगे की ओर तथा एक कैमरा बस में पीछे की ओर होना आवश्यक है।
17. जीपीएस सिस्टम अनिवार्य रूप से चालू हालत में लगा हुआ होना चाहिए।
18. स्कूल बस में सफर करने वाले छात्र/छात्राओं की सूची मय नाम/पता, ब्लड गु्रप एवं बस स्टॉप जहां से छात्र/छात्राओं को पिकअप एवं ड्राप करते है, की सूची चालक अपने पास रखेगा।
सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन कराने की जवाबदेही से प्रायवेट स्कूल प्रबंधन किनारा नहीं कर सकते हैं। मनमानी करने वाले 45 मामलों में जुर्माना लगाया गया है।
हंसराज, डीसीपी, ट्रैफिक