वे साहित्य से भी जुड़े रहे और कई किताबें लिखी। आरक्षण की व्यवस्था में सुधार को लेकर आंदोलन चला रहे सपाक्स समाज से अब तक 12 आइएएस अफसर जुड़ चुके हैं। समाज के अन्य क्षेत्रों से भी लोगों को जोडऩे की संगठन की ओर से कोशिश जारी है।
को लुभाने का काम करेंगी। जिससे पार्टी अपनी सरकार बना सके। भाजपा पहले से ही सत्ता में बनी हुई है। इस लिए भाजपा को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। कांग्रेस पहले से सरकार बनाने के लिए अन्य पार्टियों से गठबंधक करने का संकेत दे चुकी है।
चुनावी तैयारी तेज –
सदस्यता अभियान के साथ सपाक्स समाज ने चुनावी तैयारी भी तेज कर दी है। संगठन के संरक्षक सेवानिवृत्त सूचना आयुक्त एचएल त्रिवेदी ने बताया कि सपाक्स समाज पार्टी के नाम से राजनीतिक संगठन के पंजीयन के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही घोषणा पत्र बनाने का काम भी हाथ में लिया है।
समाज के वरिष्ठ व अनुभवी लोगों से राय लेकर इसे बनाया जा रहा है। संगठन से जुड़े आइएएस और आइपीएस अफसरों के चुनाव लडऩे के बारे में त्रिवेदी ने बताया कि आरक्षण में सुधार के लिए जो लोग साथ आ रहे हैं, उनकी इच्छा पर चुनाव लडऩे का मौका दिया जाएगा।
बाकी जनजागरण के काम में लगे रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में रविवार को समान विचार के संगठनों का सम्मेलन हो रहा है, इसमें सपाक्स समाज का प्रतिनिधिमंडल भी हिस्सा लेगा।
जानकारों का कहना है कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के करीब 4 महीन बाकी है। इस दौरान हर पार्टी जोड़ तोड़ के साथ जनता