Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रिटायर हो रहे कर्मचारियों को चिंता करने की जरूरत नहीं, समय पर होंगे भुगतान

- लॉक डाउन के बावजूद जरूरत के मुताबिक कर्मचारी बुलाए सरकार ने

2 min read
Google source verification
रिटायर हो रहे कर्मचारियों को चिंता करने की जरूरत नहीं, समय पर होंगे भुगतान

रिटायर हो रहे कर्मचारियों को चिंता करने की जरूरत नहीं, समय पर होंगे भुगतान

भोपाल। मार्च में बड़ी संख्या में राज्य के कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं, लेकिन लॉक डाउन के चलते कर्मचारियों की चिंता बढ़ी है। इसके लिए सरकार ने स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों को चिंता करने की जरूरत नहीं हैं, उन्हें समय पर उनकी राशि का भुगतान होगा। लॉक डाउन के बावजूद दफ्तरों में जरूरत के मुताबिक कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही हैं। माह का अंतिम सप्ताह देखते हुए वित्त विभाग और ट्रेजरी कर्मचारियों को अधिक से अधिक से बुलाया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों को कोई परेशानी न हो।

ये सवाल जिनके जवाब वे चाहते हैं -

सवाल - 31 मार्च को रिटायर हो रहे अधिकारियों को दफ्तर आना जरूरी है, क्योंकि उनके उपस्थित होने का नियम है?
- चूंकि लॉक डाउन है, सरकार ने कर्मचारियों को घर पर बैठने का निर्देश दिया है, इसलिए उन्हें दफ्तर आने की जरूरत नहीं है। सभी की उपस्थिति दर्ज हो रही है, उन्हें भी उपस्थित माना जाएगा।

सवाल - लॉक डाउन है, इसलिए सरकारी कर्मचारियों की सेलरी कैसे मिलेगी। ट्रेजरी में हर विभाग से डॉक्यमेंट फिलिकली जाता है। इस बार क्या व्यवस्था रहेगी? टीए बिल व अन्य भुगतान कैसे होंगे?

- लॉक डाउन के बावजूद भी सरकारी दफ्तरों में काम-काज हो रहा है। चूंकि वित्त वर्ष और माह के अंत में वित्त विभाग और ट्रेजरी के अधिकारी-कर्मचारियों की अधिक जरूरत होती है, इसलिए ये कर्मचारी काम पर उपस्थित हो रहे हैं, इसलिए वेतन इत्यादि की कोई दिक्कत नहीं आएगी। भुगतान ऑनलाइन होने के कारण काम-काज और आसान हो गया है। मेडिकल और टीए बिल इत्यादि के भुगतान की व्यवस्था भी ऑनलाइन है।

सवाल - कोई सामान्य रूप से बीमार हो जाता है तो सरकारी, निजी अस्पतालों में इलाज की क्या व्यवस्था है? क्या वे लॉक डाउन के समय अस्पताल जा सकते हैं? इसके लिए कोई पास लेना पड़ेगा? पास इश्यू कौन करेगा? उससे कैसे संपर्क करें?
- बीमार व्यक्ति को इलाज के अस्पताल जाने के लिए कोई रोक नहीं है। राज्य शासन के स्पष्ट निर्देश हैं ऐसे व्यक्तियों को न रोका जाए। यदि कोई मरीज अस्पताल में भर्ती है और उसकी देखरेख के लिए परिजनों को हर रोज अस्पताल जाना जरूरी है तो अस्पताल की पहल पर संबंधित थान क्षेत्र से उसका पास इश्यू होगा।