एनआइआरएफ ने दो तरह से यह रैकिंग जारी की है। इसमें पहली रैंकिंग देश भर के ओवर ऑल यानि सभी तरह के टॉप 200 संस्थानों की रैंकिंग की जारी गई है। इसमें कुल 100 में से 83.88 अंकों के साथ आईआईटी मद्रास टॉप पर है। इसमें प्रदेश सहित राजधानी भोपाल के लिए एक मात्र उपलब्धि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइसर) के रूप में मिली है। इसे देश भर के टॉप 100 संस्थानों में 50.88 अंक के साथ 37वां स्थान मिला है।
विवि, इंजीनियरिंग, लॉ सहित विषयवार रैंक– दूसरी रैंकिंग अलग-अगल विषयों के आधार पर देश भर में स्थापित संस्थानों की जारी की गई है। इसमें टॉप 100 विवि, टॉप 100 इंजीनियरिंग संस्थान, लॉ, मेडिकल, एग्रीकल्चर, फार्मेसी, कॉलेज को शामिल किया गया है।
इंजीनियरिंग में आईआईटी इंदौर को 13वां, मैनिट को 62वां स्थान–
यदि टॉप 100 इंजीनियरिंग संस्थानों की बात करें तो आईआईटी इंदौर 59.35 अंकों के साथ 13वें स्थान पर रहा। वहीं 40.98 अंकों के साथ मैनिट को 62वां स्थान मिला है। बता दें गतवर्ष मैनिट को 55वां स्थान मिला था। यानि इसमें 07 स्थान की गिरावट आई है। इसके अलावा आईआईआईटीडीएम जबलपुर को 75वां व आईआईआईटीएम ग्वालियर को 81वां स्थान मिला है।
एलएलआइयू भोपाल को 11वां स्थान लॉ इंस्टीट्यूट में नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यनिवर्सिटी (एनएलआईयू) को देश भर के टॉप लॉ संस्थानों में 11वां स्थान मिला है जबकि एनएलआईयू कर्नाटक ने पहला स्थान प्राप्त किया है।
मैनेजमेंट में आईआईएम इंदौर 05वें व आईआईएफएम 60वें स्थान पर मैनेजमेंट संस्थानों में टॉप 100 में आईआईएम इंदौर को 5वां स्थान मिला है। जबकि राजधानी भोपाल स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट (आईआईएफएम) को 60वां स्थान मिला है।
देवी अहिल्या विवि इंदौर को फार्मेसी में 55वां स्थान फार्मेसी की पढ़ाई में देवी अहिल्या विवि इंदौर को 55वां स्थान प्राप्त हुआ है। बोले जिम्मेदार, पब्लिक पर्सेप्शन ने किया नुकसान- मैनिट की रैंकिंग गिरने के मामले में डायरेक्टर नरेंद्र सिंह रघुवंशी का कहना है कि आमजन के मन में मैनिट भोपाल को लेकर कुछ खराब छवि बनी है। इसके पीछे संस्थानों का विवाद में रहना एक कारण है। उन्होंने इसकी छवि सुधारने के लिए कहा कि नए शोध पर काम और रिक्रूटमेंट के जरिए इसे सुधारा जा सकता है।