ऐसी स्थिति में यह आवश्यक हैं कि ई-बुक्स, ई-जर्नल्स और ई-डाटाबेस के उपयोग को समेकित रूप से उपयोग किए जाने के लिए प्रभावी कंसोर्टियम बनाया जाए। यह बात राजीव गांधी प्रौद्योगीकी विश्वविद्याल के कुलपति प्रो. सुनील कुमार ने विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय विभाग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक एंड डिजिटल रिसोर्सेस विषय पर आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी साइंस मे कंसोर्टियम अवधारणा कोऑपरेटिव मूवमेंट की तरह है। जिसे परिणामकारी बनाते हुए विद्यार्थियों को लो कास्ट मे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सकती है। लर्निंग रिसोर्सेज को बढ़ाते हुए उसकी पहुंच को अधिकतम कर शिक्षकों और छात्रों को समेकित रूप से ई-सामग्री प्रदान करने से कंसोर्टियम की उपयोगिता सिद्ध होगी।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र मे डॉ. मयंक त्रिवेदी, एमएस यूनिवर्सिटी, गुजरात, डॉ. अशोक कुमार राय, साइंटिस्ट सीएस इन्फ्लेबिनेट, डॉ. सुधीर पाठक, आइसर भोपाल मौजूद थे।
आरजीपीवी के केंद्रीय पुस्तकालय विभागाध्यक्ष प्रो. शिव सिन्धु चौकसे ने बताया कि आरजीपीवी द्वारा बनाए जा रहे लाइब्रेरी कंसोर्टियम में यूनियन कैटलॉग के माध्यम से सभी संस्थानों के पुस्तकों का सूचीकरण किया जा रहा है।