scriptमेंडोरा ओवरहेड टैंक के नीचे हादसे की आशंका | Risk of tragedy under Mendora water tank | Patrika News

मेंडोरा ओवरहेड टैंक के नीचे हादसे की आशंका

locationभोपालPublished: Jan 25, 2020 07:41:19 pm

– बच्चे और मवेशी भी ओवरहेड टैंक के आसपास घूमते, नहीं किया ध्वस्त- डेढ़ साल में भी नए वाटर प्लांट का प्रस्ताव नहीं हो सका पास- मेंडोरा, मेंडोरी, नीलबड़, शारदा विहार में जल आपूर्ति का मामला- पंचायत ने की थी सिफारिश, पीएचई अफसरों ने नहीं लिया संज्ञान- नए प्लांट का प्रस्ताव पास होने के बाद ही ढहाएंगे जर्जर ओवरहेड टैंक

मेंडोरा ओवरहेड टैंक के नीचे हादसे की आशंका

मेंडोरा ओवरहेड टैंक के नीचे हादसे की आशंका

भोपाल. मेंडोरी ग्राम पंचायत के पांच गांवों को जल आपूर्ति करने वाला प्लांट वर्षों से बंद पड़ा है। इसके जर्जर ओवरहेड टैंक से हादसे की लगातार आशंका बनी हुई है, फिर भी सुनवाई नहीं हो रही।

एक ओर तो बड़ी आबादी पेयजल के लिए तरस रही है और दूसरी तरफ उनके बच्चों और मवेशी के लिए जर्जर टैंक खतरा बना हुआ है। अफसर भी मामला शासन स्तर पर लंबित होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं।

मेंडोरी पंचायत में आने वाले मेंडोरा गांव में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से केरवा डैम रोड पर पीएचई ने वर्ष 1990 में एक जल संयंत्र की स्थापना की थी। इस प्लांट पर करीब 38 लाख रुपए खर्च किए गए थे।

केरवा डैम से पाइपलाइन द्वारा पानी संयंत्र में लाया गया था। इस प्लांट में पानी को उपचारित कर ओवरहेड टैंक में भरा जाता था। इसके बाद यह शुद्ध पानी डिस्ट्रीब्यूशन लाइन के जरिए मेंडोरा, मेंडोरी, शारदा विहार, नीलबड़, नाथू बरखेड़ा आदि गांवों में घर-घर सप्लाई किया जाता था।

वर्ष 2002 तक इस प्लांट से पानी की सप्लाई पंचायत के माध्यम से सुचारु रूप से होती रही। वर्ष 2004-05 में इस प्लांट के जीर्णोद्वार के लिए पीएचई को आठ लाख रुपए भी मिले थे। मरम्मत के नाम पर रंगाई-पुताई तो की गई, लेकिन प्लांट नहीं चलाया गया।

लगभग विगत 15 वर्षों से यह प्लांट बंद पड़ा है। प्लांट की मशीनें और काफी सामान गायब हो चुका है। सबसे अधिक खतरनाक स्थिति ओवरहेड टैंक की है। बच्चे खेलने के लिए या जानवर चराते हुए अकसर यहां आ जाते हैं। टंकी गिरासू हालत में है। सीढिय़ां टूटकर लटक रही हैं। किसी भी दिन कोई हादसा हो सकता है।

विगत वर्ष कुछ और सीढिय़ा व प्लास्टर टूटकर गिरा था। यहां के रहवासियों के लिए एक ओर तो बंद प्लांट के जर्जर ओवरहेड से लगातार खतरा मंडरा रहा है और दूसरी ओर पेयजल की किल्लत हो रही है। गर्मियों में तो हालात अधिक बदतर हो जाते हैं। दूर-दूर हैंडपम्प से महिलाएं और बच्चे पानी भरकर लाते हैं।

जर्जर ओवरहेड टैंक से हादसे की आशंका बनी हुई है। ग्राम पंचायत ने पुराने ओवरहेड टैंक को गिराने के लिए लिखित और मौखिक कई बार कहा, लेकिन अभी तक टैंक नहीं हटाया गया। जल आपूर्ति की नई व्यवस्था भी नहीं की गई।
– सुरेश सिंह तोमर, पूर्व सरपंच

मेंडोरा वाटर सप्लाई प्लांट विगत कई वर्षों से बंद पड़ा है। नए प्लांट के लिए शासन को तीस लाख रुपए का प्रस्ताव भेजा गया था, जो शासन स्तर पर विचाराधीन है।
– एसपी लडिय़ा, एई-पीएचई

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो