कार हाल ही में इंदौर से खरीदी गई है। कार में आरटीओ से जारी रजिस्ट्रेशन नंबर तक नहीं मिला। पुलिस का अनुमान है कि हादसे के वक्त कार की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रही होगी। चालक ने ब्रेक लगाया, लेकिन कार नियंत्रित नहीं हो सकी।
कलियासोत मार्ग का हाल ही में चौड़ीकरण हुआ है। सड़क अच्छी होने की वजह से वाहन तेज रफ्तार में चलते हैं। जगह-जगह अंधे मोड़ हैं, लेकिन सड़क निर्माण एजेंसी ने एक भी जगह ब्रेकर नहीं बनाए। इससे वाहन मोड़ पर भी तेज रफ्तार में चलते हैं। जंगल में पेड़-पौधों की वजह से मोड़ से वाहन भी नहीं दिखते।
बिल्डर का पूर्व गनमैन बनकर लगाया फोन
पुलिस घटना के 14 घंटे बाद भी कार के मालिक, हादसे के वक्त कार चलाने वाला का पता नहीं लगा सकी है। जबकि कार में एक मोबाइल फोन भी मिला था। चूनाभट्टी टीआई भारत सिंह ठाकुर के पास एक नंबर से फोन आया उसने खुद को एक बड़े बिल्डर के मालिक का पूर्व गनमैन बताते हुए कहा कि कार उसके रिश्तेदार की है। टीआई ने बताया कि जब उससे पूछताछ की गई तो उसने फोन बंद कर दिया। कार में एक विजिटिंग कार्ड मिला है। जिसमें पुर्णेन्द्र लिखा है।
दंपती का बड़ा बेटा उनके पीछेे चल रहा था। मां-पिता की चीख सुनकर वह दौड़ता हुआ पहुंचा। खून से माता-पिता को लथपथ देख उसने पुलिस को फोन किया। तब तक आरोपी कार से उतरकर भाग निकले।सड़क दुर्घटना
युवती तेज रफ्तार में दौड़ा रही थी कार, दंपती 25 फीट दूर जा गिरे