पोल में टकराने के बाद कार के एयरबैग खुल गए। अंकिता सीट बेल्ट नहीं लगाया था। उसका सिर डैश बोर्ड से टकरा गया। सिर में चोट लगने से उसकी मौत हो गई। वहीं, जयंत सीट बेल्ट लगाया हुआ था। ऐसे में उसके सिर पर चोट नहीं लगी और उसकी जान बच गई।
अंकिता को गुरुवार को घर जाना था। उसने रिजर्वेशन भी करा रखा था। लेकिन इससे पहले ही हादसे में उसकी मौत हो गई। गुरुवार को हमीदिया मर्चुरी में बड़ी संख्या में उसके कॉलेज के छात्र-छात्राएं पहुंचे। दोस्तों ने बताया कि अंकिता पढऩे में होनहार थी।
गुरुवार दोपहर करीब ढाई बजे अंकिता के पिता अनिल गुप्ता और मां शशि भोपाल पहुंचे। मर्चुरी में बेटी का शव देख मां शशि बेसुध हो गईं। होश आने पर वह यही कहकर बिलखती रहीं कि बेटी चली गई, अब घर कौन आएगा…। कल ही दोपहर में मेरी बेटी घर आने को बोल रही थी। पिता अनिल भी फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने बताया कि बेटी का फोन-पर्स गायब है। वह रात में फोन लगा रहे थे, लेकिन रिसीव नहीं हुआ।
रात करीब नौ बजे अंकिता ने हॉस्टल में रहने वाली अपनी सहेली अंशिका को फोन कर कहा था कि वह जल्द ही हॉस्टल पहुंच रही है। उसने अंशिका से पानी गर्म कर रखने के लिए कहा था। इसके थोड़ी देर बाद सहेलियों को उसकी मौत की खबर मिली।
तेज रफ्तार: कार का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। पुलिस अनुमान लगा रही कि कार की रफ्तार 80-100 किमी प्रति घंटे से अधिक रही होगी। तेज रफ्तार की वजह से कार मोड़ में टर्न नहीं हो सकी और वह सीधे सड़क के नीचे उतर गई।
हाईबीम लाइट: पुलिस यह भी मान रही सामने से कोई हैवी व्हीकल की हाईबीम लाइट कार चालक की आंख में लगी होगी। जिससे उसे आगे का रास्ता नहीं दिखा। हालांकि, चालक ने अपने परिजनों को अचानक मवेशी आने की बात बताई है।