script30 घंटे ट्रैफिक रोककर जो तिराहा सुधारा, दस दिन में ही उस पर फिर हुए गड्ढे | road damage again just after 10 days repair | Patrika News

30 घंटे ट्रैफिक रोककर जो तिराहा सुधारा, दस दिन में ही उस पर फिर हुए गड्ढे

locationभोपालPublished: Oct 11, 2019 09:46:21 am

राजधानी भोपाल में सड़कों की स्थिति…

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भोपाल. शहर की सडक़ों को दुरूस्त करने किस बेपरवाही और भ्रष्टाचार से काम किया जा रहा है कोलार के सीआई स्क्वायर से इसे समझ सकते हैं। यहां लगातार बारिश से बड़े व गहरे गड्ढे बन गए थे।
यहां अभी दस दिन पहले ही सुधार किया गया। सुधार कार्य के दौरान चौराहा को पूरे 30 घंटे बेरिकेट्स से बंद रखा गया। ट्रैफिक नहीं गुजर सका। महज दस ही हुए, यहां किया मेंटेनेंस कार्य उखड़ गया।
ऐसे में लोग फिर गड्ढे से होकर गुजरने को मजबूर है। इस सडक़ को दुरूस्त करने का जिम्मा इंजीनियर प्रमोद मालवीय पर था। अब महज दस दिन में ही सडक़ क्यों टूट गई, वे इसका जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
गौरतलब है कि प्रशासन से लेकर सडक़ निर्माण की सभी एजेंसियां सडक़ों पर गड्ढे नहीं होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन शहर की कोई भी सडक़ ऐसी नहीं है, जो अभी पूरी तरह से दुरूस्त हो।
जिस सडक़ पर ट्रैफिक का जितना अधिक भार, वह उतनी ही खराब है। हाल में निगम ने अपनी सडक़ों को सुधारने एजेंसी तय करने की कवायद शुरू की, लेकिन ठेकेदारों और अफसरों की लड़ाई में एजेंसी ही तय नहीं हो पाई। प्लास्टिक से मजबूतर सडक़ बनाने का सपना भी पूरा नहीं हुआ। दबाव में आकर डामर और गिट्टी मिलाकर ही सडक़ें ठीक करने को कह दिया गया।
पाइप लाइन के लिए छह माह पहले खोदी थी सडक़ें, अब तक ठीक नहीं की
बेपरवाही की हद ये हैं कि पाइप लाइन डालने जिन सडक़ों को छह माह पहले खोदा गया था। दावा था कि लाइन डालते ही रेस्टोरेशन कर दिया जाएगा, वे अब तक वैसी ही है।
खुदाई से सडक़ का बचा हुआ हिस्सा भी टूट गया और अब लोग परेशान हो रहे हैं। पीडब्ल्यूडी के एसई वीके आरक का कहना है कि सडक़ों का काम 30 नवंबर तक ही हो पाएगा। वे डामर के प्लांट अब तक शुरू नहीं होने का तर्क दे रहे हैं। निगम के सिटी इंंजीनियर सिविल पीके जैन ठेकेदार और इंजीनियरों से जल्द सडक़ें दुरूस्त कराने का दावा कर रहे हैं, लेकिन कोई भी काम में रूचि नहीं ले रहा।

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