सभी ड्रोन आइएमडी डाटा लिंक हैं। रीयल टाइम में डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं। इनका कनेक्शन केंद्रीय भूजल, केंद्रीय आपदा प्रबंधन और मप्र गृह विभाग से लिंक है। गूगल बेस्ड डाटा-मैपिंग अपलोडिंग है। प्रदेश में अभी 10 से ज्यादा विभाग अलग-अलग कामों में ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। आगे चलकर पवन ऊर्जा के मामले में भी ड्रोन का उपयोग करने पर विचार हो रहा है।
सरकार ने सभी बड़ेे बांधों की निगरानी के लिए 12 ड्रोन तैनात किए हैं। यदि जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर आता है तो यह ड्रोन बताते हैं। बांधों के क्षेत्र में दिक्कत, पानी के फ्लो-डूब और अन्य बारीकियां भी जांचते हैं। ड्रोन को ऐसे तैयार किया है कि जलस्तर के निचले लेवल से लेकर हाई लेवल तक निगरानी कर सके। हाल ही में बारिश के समय ड्रोन ने बांधों के जलस्तर का सटीक आकलन दिया।
बिजली में अभी हाईवॉल्टेज लाइन की निगरानी के लिए ड्रोन को उतारा गया है। इसमें 413 किमी का एरिया तय किया है। इस क्षेत्र में करीब 1300 बिजली टॉवर आएंगे। इससे वॉल्टेज लोड भी मापा जाएगा।
33 से ज्यादा ड्रोन हैं अभी सरकार के पास
30 से ज्यादा ड्रोन और खरीदे जाने की योजना
पानी: बड़े बांधों की निगरानी में 12 ड्रोन
05 ड्रोन स्कूल खोले जाना हैं मध्यप्रदेश में