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किसानों के 10 करोड़ अटके, ईपीओ जनरेट होनेपर भी नहीं हुआ भुगतान, जानें अब कैसे मिलेगी बकाया राशि

locationभोपालPublished: May 17, 2022 05:54:41 pm

Submitted by:

deepak deewan

किसानों का गेहूं का करोड़ों का भुगतान रुका

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गेहूं का करोड़ों का भुगतान रुका

भोपाल। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इस बार गेहूं की खरीदी तो बहुत कम हुई है, लेकिन किसानों को उनकी उपज का भुगतान मिलने में बहुत मुश्किल आई है। प्रदेश भर में किसान गेहूं के भुगतान के लिए परेशान हो रहा है. इंदौर मेें तो हजारों किसानों का करोड़ों रुपये का भुगतान अटका है। बताते हैं कि किसानों के आधार नंबर और बैंक खातों की तकनीकी दिक्कतों के कारण राशि अटकी है. हाल ये है कि जिन किसानों के इलेक्ट्रानिक पेमेंट आर्डर—ईपीओ जनरेट हो गए उनमें से भी कई किसानों का भुगतान लंबित है।
गेहूं खरीदी की प्रक्रिया में मध्यप्रदेश मार्केटिंग फेडरेशन (मार्कफेड), खाद्य विभाग, सहकारिता विभाग, वेयर हाउस कार्पोरेशन और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शामिल हैं। किसान द्वारा खरीदी केंद्र पर गेहूं बेचने के बाद बिल बनने के बाद जब यह गेहूं परिवहन होकर वेयर हाउस तक पहुंच जाता है तो स्वीकृति पत्रक जारी हो जाता है। वेयर हाउस कार्पोरेशन की ओर से इसकी एक लिखित रसीद दी जाती है। इसके बाद एनआइसी के पोर्टल से किसान को गेहूं के भुगतान का ईपीओ जारी होता है। गेहूं उपार्जन पोर्टल पर यह ईपीओ मार्कफेड को दिखने लगता है। मार्कफेड के जिम्मेदार अधिकारी इस ईपीओ पर डिजिटल हस्ताक्षर कर इसे संबंधित बैंक को भेज देते हैं। इसके बाद बैंक संबंधित किसान के खाते में गेहूं का पैसा ट्रांसफर कर देते हैं। ये पूरी प्रक्रिया आनलाइन ही की जाती है।
अधिकारियों के अनुसार किसान की उपज का भुगतान सही सही खाते में ही हो, इसके लिए किसान के बैंक खाते को उसके आधार नंबर से लिंक किया गया है। कई किसानों के खाते या तो आधार से लिंक नहीं हो पाए हैं या पुराने खाते होने के कारण ट्रांसजेक्शन फेल हो रहे हैं। कुछ मामलों में तो यह दिक्कत भी सामने आ रही है कि किसी किसान के परिवार के दो या तीन बैंक खाते हैं तो गेहूं बेचने वाले किसान के खाते में न पहुंचकर उनके परिवार के अन्य सदस्य के खाते में पैसा पहुंच गया है। इन सब कारणों से भुगतान अटकता है. अकेले इंदौर जिले में ही करीब 400 किसानों का 10 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान अटक गया है।
अब ऐसे मामलों की जानकारी लेकर एनआइसी और बैंक से समन्वय कर इनका निराकरण किया जा रहा है। मामले सुलझते ही भुगतान होता जा रहा है। इधर जिन किसानों के भुगतान में परेशानी आ रही है उनके लिए प्रशासन ने भी अपील जारी की है। इन किसानों से कहा गया है कि वे जिला सहकारी केंद्रीय बैंक प्रबंधक के पास जाकर सही खाता और आधार नंबर लिंक कराएं।

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