आरएसएस प्रमुख भागवत इन दिनों राष्ट्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक के सिलसिले में यहां केरवा स्थित शारदा विहार आवासीय विद्यापीठ में ठहरे हुए हैं। वे यहां 15 अक्टूबर तक रहेंगे। देशभर के दिग्गज नेताओं के भोपाल पहुंचने के कारण यहां सियासी हलचल तेज हो गई है। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
यह लोग पहले ही पहुंच गएसंघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी, सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी, दत्तात्रेय होसबोले पहले ही भोपाल पहुंच गए थे। इनके अलावा मध्यप्रदेश के प्रांत प्रचारक अशोक पोरवाल, सह प्रांत प्रचारक हेमंत मुक्तिबोध, दमोह सांसद प्रहलाद पटेल भी भोपाल में जमे हुए हैं।
24 घंटे करना पड़ा इंतजारभाजपा में लंबे समय से उपेक्षित चल रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी शनिवार को भोपाल पहुंच गए थे, लिकन रविवार शाम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात हो सकी। दोनों के बीच चर्चा काफी देर तक चली। इस मुलाकात को पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के मोदी सरकार विरोधी बयान आने के बाद काफी अहम माना जा रहा है। हाल ही में सिन्हा ने मोदी सरकार के नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों की सार्वजनिक आलोचना की थी। इसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री
अरुण शौरी का भी सरकार की नीतियों के विरोध में बयान आया।
भागवत और जोशी की इस मुलाकात से माना जा रहा है कि भाजपा में लगातार नजरअंदाज किए जा रहे वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्रिमंडल में तालमेल बिठाने के लिए संघ कोई पहल कर सकता है। संघ प्रमुख से मुलाकात के लिए जोशी अकेले दिल्ली से भोपाल पहुंचे। हालांकि, जोशी ने पत्रिका से कहा कि यह उनकी औपचारिक मुलाकात है। संघ प्रमुख से मुलाकात का समय मिलने के बाद वे भोपाल आए हैं।
उधर, जोशी से मिलने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद प्रहलाद पटेल भी पहुंचे। उनके साथ जावद विधायक ओमप्रकाश सकलेचा भी नूर-उस-सबाह होटल आए। दोनों पदाधिकारी दिन भर जोशी के साथ रहे। शाम को सकलेचा जोशी के साथ केरवा पहुंचे, जबकि प्रहलाद पटेल वापस दिल्ली रवाना हो गए।
केंद्र और राज्य सरकारों के कामकाज की समीक्षा करेंगे आरएसएस चीफ मोहन भागवत 15 अक्टूबर तक भोपाल में ही रहेंगे। इस दौरान वे कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की क्लास लेंगे, वहीं केंद्र और राज्य सरकारों के कामकाजों की समीक्षा भी करेंगे। इस दौरान तीन दिनों तक अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में भी देश के राजनीतिक हालातों, समसामयिक मुद्दों और भाजपा संगठन की मौजूदा स्थिति पर चर्चा हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार में नए मंत्री शामिल करने और मध्यप्रदेश सरकार में भी मंत्रिमंडल फेरबदल पर चर्चा की जा सकती है।