वर्ष 2022 और 2023 में 12 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव होना है। इन सभी पर इस बैठक में चर्चा होगी। मालूम हो वर्ष 2022 में हिमाचल प्रदेश, गुजरात और जम्मू—कश्मीर में चुनाव होना है जबकि वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम और तेलंगाना में चुनाव होंगे। संघ की बैठक में दूसरा महत्वपूर्ण पहलू है कि वर्ष 2025 में RSS की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं, जिसमें एक लाख स्थानों तक संघ कार्य पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है।
स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अवसर पर संघ की व्यवस्था वाले प्रांतों ने जो आयोजन किए जा रहे हैं, उनकी चर्चा इस बैठक में होगी। देश में ऐसे वीर, नायक और बलिदानी हुए हैं, जिनके बारे में आम लोगों को विशेष जानकारी नहीं है। संघ अब जानकारी का संकलन कर समाज के बीच ले जाने जाएगा। कोरोना काल के चलते बेरोजगारी की स्थिति को देखते हुए ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार से स्व-निर्भरता कैसे पा सकते हैं, इस बारे में भी कई उपक्रम संघ ने शुरू किए हैं, उनको लेकर बात होगी।
समाज में समरसता, पर्यावरण, परिवार प्रबोधन जैसे विषयों पर संघ अनेक संगठनों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। इसको लेकर बैठक में चर्चा होगी और आगे की दिशा तय की जाएगी। मालूम हो कि संघ की व्यवस्था में अलग-अलग प्रकार की बैठकें होती हैं। निर्णय की दृष्टि से सबसे अहम बैठक प्रतिनिधि सभा में प्रचारकों समेत अन्य की जिम्मेदारियां भी तय की जाती हैं। मालूम हो कि नागपुर से बाहर पहली बार प्रतिनिधि सभा 1988 में गुजरात के राजकोट में हुई थी। जबकि पिछले साल उक्त बैठक बेंगलुरू में रखी गई थी।