scriptदो सौ लोगों को मिला Makka रुबात में मौका, भोपाल सीहोर और रायसेन के हजयात्रियों में से चयन | rubat alloted for 200 hajyatri in three distic | Patrika News

दो सौ लोगों को मिला Makka रुबात में मौका, भोपाल सीहोर और रायसेन के हजयात्रियों में से चयन

locationभोपालPublished: May 11, 2023 12:38:36 am

– जाफरी बने, समन्वयक, मक्का-मदीना में संभालेंगे इंतजाम- बढ़े किराये को लेकर असमंजस बरकरार, अब उलेमाओं ने संभाला मोर्चा

haj rubat

मक्का स्थित भोपाल की रुबात में ठहरने के लिए बुधवार को दो सौ हजयात्रियों का चयन किया। शहर काजी मुश्ताक अली नदवी की मौजूदगी में मोती मस्जिद में कुरआ हुआ।

भोपाल। मक्का स्थित भोपाल की रुबात में ठहरने के लिए बुधवार को दो सौ हजयात्रियों का चयन किया। शहर काजी मुश्ताक अली नदवी की मौजूदगी में मोती मस्जिद में कुरआ हुआ। भोपाल, सीहोर रायसेन के 1071 लोगों में से 200 नामों का चयन किया। दस प्रतिशत वेटिंग सूची भी बनाई गई है।
भोपाल रियासत (भोपाल, रायसेन और सीहोर जिले) के करीब 1071 लोगों के नाम का कुर्रा शाही औकाफ द्वारा आयोजित किया। काजी-ए-शहर सैयद मुश्ताक अली नदवी, शहर मुफ्ती अबूल कलाम खान कासमी और शाही औकाफ सचिव आजम तिरमिजी की मौजूदगी में हुए कुर्रा के दौरान बड़ी तादाद में हाजी और उनके परिजन मौजूद थे। इस दौरान करीब 200 हाजियों के मक्का रुबात में ठहरने के लिए नामों का चयन किया गया है। इसके अलावा कुछ नाम आरक्षित भी रखे गए हैं, जिन्हें होने वाले कैंसेलेशन पर समायोजित किया जाएगा। गौरतलब है कि मक्का और मदीना में रुबात में ठहरने की सुविधा मिलने से प्रत्येक हाजी को करीब 50 हजार रुपए से ज्यादा की बचत हो जाएगी।
जाफरी होंगे प्रदेश के हाजियों के समन्वयक
प्रदेश हज कमेटी के प्रशासनिक अधिकारी सैयद शाकिर अली जाफरी हजयात्रा 2023 में प्रदेश के हाजियों के लिए समन्वयक की भूमिका अदा करेंगे। केन्द्र सरकार द्वारा उनके नाम की सहमति देने के बाद मप्र अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने उनकी इस सेवा के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। जाफरी करीब दो माह मक्का और मदीना में रहकर प्रदेश के हाजियों की खिदमत करेंगे। वे गुरूवार को दिल्ली कार्यालय में हाजिर होंगे और संभवतः 15 मई को सउदी अरब के लिए रवाना होंगे।
अटका हुआ है खादिमों का मामला
हजयात्रा के दौरान हाजियों की खिदमत के लिए भेजे जाने वाले खादिम-उल-हुज्जाज का मामला अब तक क्लियर नहीं हो पाया है। राज्य सरकार द्वारा इनके जाने पर खर्च होने वाली राशि का बजट जारी नहीं किए जाने के चलते यह प्रक्रिया अब तक अटकी हुई है। इसी माह के अंत में शुरू होने वाली हज उड़ान के चलते अब इस प्रक्रिया के समय पर पूरी होने की संभावनाएं भी कम ही नजर आ रही हैं। गौरतलब है कि प्रदेश के हाजियों की खिदमत के लिए प्रदेश के हाजियों की संख्या के लिहाज से खादिम भेजे जाने की परंपरा रही है। प्रत्येक 300 हाजी के लिहाज से एक खादिम की नियुक्ति के चलते इस साल 20 से ज्यादा खादिम भेजे जाने थे, जिनके आवेदन और चयन की प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो