निर्यातकों को इसके लिए ई- अनुज्ञा पोर्टल पर उपज मात्रा दर्ज कराने के साथ आवेदन करना होगा। इसमें भी निर्यात के साठ दिन के भीतर आवेदन करना अनिवार्य होगा। खास बात ये कि 31 मार्च 2023 तक के लिए ही अभी निर्यात गाइडलाइन तय की गई है। यानी इसके बाद के निर्यात के लिए अगले साल फिर गाइडलाइन आएगी। अभी मध्यप्रदेश में गेहूं के निर्यात के लिए विभिन्न जिलों से किस्म, पैदावार और अन्य पहुलओं का चिह्नांकन हो रहा है।
ग्रेडिंग भी होगी
सरकार ने उपज की ग्रेडिंग भी करना तय किया है। विदेश भेजा जाने वाला गेहूं अच्छी किस्म का होगा। किसान व निर्यातक के स्तर पर ग्रेडिंग होगी। सरकार से सुविधा की स्थिति में जिला स्तर पर भी ग्रेडिंग कराई जा सकेगी। इसके लिए अलग से पूरी गाइडलाइन रहेगी।
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ये है गाइडलाइन
-निर्यात को मंडी फीस से छूट रहेगी। फीस की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
-मप्र की मूल उपज को ही सुविधा मिलेगी। बाहरी राज्य अपात्र रहेंगे।
-कृषि मंडी उपज समिति के स्तर पर प्रतिपूर्ति व अन्य निर्धारण होंगे।
-निर्यात के 60 दिन में आवेदन जरूरी। 30 दिन में निराकरण ।
-मंडी फीस में निराश्रित शुल्क को छोड़कर ही प्रतिपूर्ति मिलेगी।
-1 अप्रेल से 30 जून 2022 की अधिसूचित उपज पर ही प्रतिपूर्ति।
-तय अवधि की उपज का 31 मार्च 2023 तक निर्यात आवश्यक।
-शर्तों के उल्लंघन पर प्रतिपूर्ति नहीं।
-भुगतान की स्थिति में वसूली ।