भोपाल

दीपावली मनाएं लेकिन आंखों की सुरक्षा के साथ

पटाखों से होने वाले नुकसान में सबसे पहले प्रभावित होती हैं आंखें

भोपालNov 06, 2018 / 02:38 pm

विकास वर्मा

Diwali

भोपाल। दीपावली रोशनी और खुशियों का पर्व है, और बिना पटाखों के यह त्योहार अधूरा सा माना जाता है। त्योहार मनाना तो जरूरी है, लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना। पटाखे या आतिशबाजी के दौरान जरा सी भी लापरवाही हमारे लिए घातक साबित हो सकती है। ये लापरवाही न सिर्फ आपको गंभीर चोट पहुंचा सकती है, बल्कि त्योहार की खुशियों में बाधा बन सकती है। पटाखों से होने वाले नुकसान में सबसे पहले आँखें प्रभावित होती हैं, इस तरह के नुकसान से आँखों को कैसे बचाएं? इस बारे में बंसल हॉस्पिटल की स्पेशलिस्ट डॉ. विनीता रमनानी बताती हैं कि त्योहार की खुशियों के बीच सावधानी भी जरूरी है।

 

आंखों को प्रभावित करती है पटाखों के धमाके से होने वाली तेज रोशनी
डॉ. विनीता का कहना है कि अक्सर इस तरह की चोटें बच्चों में ज्यादा होती हैं। ये हाथ, पैर एवं चेहरे की चमड़ी को सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं। बारूद का धुआं फेफड़ों के लिए तो नुकसानदायक है ही, यह सीधा आंखों पर भी असर करता है। इसके अलावा पटाखों के धमाके से होने वाली तेज रोशनी भी आंखों को प्रभावित करती है। डॉ. रमनानी ने बताया कि पटाखों से होने वाले नुकसान कितने घातक हो सकते हैं। पटाखों से जलने पर आंखों के चारो ओर की चमड़ी जल सकती है। इसके अलावा पलकों, काली पुतली एवं सफ़ेद पुतली का जलना और फटना, पलकों पर और आंखों में खून जमा होना, आंखों में धुएं एवं बारूद से जलन और लालिमा, बारूद के कण आँखों में जाना, पटाखे की चिंगारी से आंखों की कार्निया पर बुरा असर पडऩा, मोतियाबिंद या कान्चबिंद का होना, आंखों के परदे में खून जमा होना या परदे का अपनी जगह से सरकना, आंखों की किसी भी परत में चोट या खून आना, तेजी से आये फटाके से पूरी सरंचना को नुकसान एवं रौशनी का कम होना या आंखों मे और त्वचा में संक्रमण जैसे असर भी पड़ सकते हैं।

 

 

क्या करें पेंरेंट्स
डॉ. विनीता बताती हैं कि आंखें शरीर के सबसे संवेदनशील अंगों में से एक हैं इसलिए पहले से ही सतर्क रहें। इसके अलावा बच्चों के पटाखे जलाते समय उनके अभिभावकों का होना जरूरी है। बिना अभिभावकों की देखरेख के ब’चों को पटाखों से दूर रखना चाहिए। पटाखों से चोट लगने के मुख्य कारणों में गलत तरीके से आतिशबाजी करना, हाथ में पटाखा जलाना प्रमुख हैं। कई बार कई बार पटाखे बीच में बंद हो जाते हैं और अचानक से जलते हैं, इस कन्फ्यूजन की वजह से भी लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।

 

प्राथमिक उपचार के बाद लें एक्सपर्ट से सलाह
पटाखों से किसी भी तरह का नुकसान होते ही प्राथमिक उपचार दिया जाना जरूरी है, लेकिन इसके तुरंत बाद किसी स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखाना भी जरूरी है। डॉ. विनीता कई बार हमें चोट उतनी गहरी नहीं लगती, जितनी वह वास्तव में होती है। खासतौर पर आंखों को होने वाले किसी भी नुकसान में तुरंत किसी आई स्पेशलिस्ट से सलाह लेनी चाहिए। आपकी जरा सी भी देरी, आंखों की रोशनी को कम कर सकती है या उसे जिंदगी भर के लिए अंधेरे में भेज सकती है।

 

 

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