बैरागढ़ निवासी कमलेश त्रिपाठी बेटे की याद में आश्रम में फल -भोजन देने जाते थे। उनके अनुसार तब बच्चे तो खाने आ जाते, लेकिन बड़ी लड़कियां ऊपर वाली मंजिल से सहमी देखती रहती थीं। हमें ऊपर जाने नहीं देते थे। शिक्षिकाएं बोलती थी-हम उन्हें खिला देंगे।
रविवार दिन भर कई बच्चों के परिजन आश्रम पहुंचे। सीहोर से आई महिला ने बताया कि मेरी बेटी यहां पढ़ती है, मैं अक्सर मिलने आती हूं। उसने कभी शोषण की बात नहीं बताई। नजदीक के गांव से आए एक पिता बेटी से मिलने 20 मिनट तक बाहर इंतजार करते रहे।
बैरागढ़ के पार्षद अशोक मारण का कहना है कि वे अवस्थी को डेढ़ दशक से ज्यादा समय से जानते हैं। मैं एक-दो बार छात्रावास के कार्यक्रमों में गया था। कर्मचारी बाहरी लोगों को हॉल से आगे नहीं जाने देते थे। कभी बच्चों से बात नहीं हो पाई इसलिए अंदाजा तक नहीं हो सका कि वहां उनका इस कदर शोषण भी हो सकता है।
25 साल के दरमियान 100 से अधिक के शोषण की आशंका
एमपी अवस्थी 1988 में सेना से रिटायर्ड होने के बाद सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों के संपर्क में आया। 90 के शुरुआती दशक में उसने बैरागढ़ में घर के पास पहला छात्रावास शुरू कर दिया। कुछ दिनों में ही समाजसेवा के पीछे की मंशा का अंदाजा परिवार को हो गया। अवस्थी ने हरकतें नहीं छोड़ी तो पत्नी और बेटे ने दूरी बना ली। जानकारों का कहना है कि 25 सालों के दरमियान अवस्थी 100 से अधिक बच्चों का शोषण कर चुका है। इसके छात्रावास से निकले बच्चों की जांच की जाए तो बड़े मामले खुलेंगे। अवस्थी ने समाजसेवा के नाम पर शासन से बैरागढ़ कलां में जमीन आवंटित करा ली। 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने संस्थान की नींव रखी। कुछ ही समय में यहां भवन खड़ा हो गया। 2006 से यह छात्रावास बैरागढ़ कलां में चल रहा है। 90 के दशक से लेकर 2006 तक 50 से अधिक बच्चों के साथ 2006 से लेकर 2018 तक के दो दौर में अवस्थी के छात्रावास से सैंकड़ों विद्यार्थी आए गए हैं। अवस्थी की करतूतें जानने वालों का कहना है कि इस ढाई दशक के समय में अवस्थी ने 100 से अधिक बच्चे-बच्चियों से छेड़छाड़ और 50 से अधिक का यौन शोषण किया है।
मंदबुद्धि बच्ची को भी बनाया शिकार
हो शंगाबाद के मालाखेड़ी छात्रावास में दुष्कर्म के मामले में जीरो पर दर्ज केस की डायरी होशंगाबाद कोतवाली पहुंच चुकी है। होशंगाबाद पुलिस मामले की सही पड़ताल करे तो जिले में मौजूद एक किशोर भी पीडि़त के रूप में सामने आ सकता है। अवस्थी ने मंदबुद्धि बच्चों को भी शिकार बनाया है। छात्रावास से निकली एक मंदबुद्धि किशोरी इस मामले में
पीडि़ता है।