scriptविधानसभा चुनाव से पांच महीने पहले सलीना सिंह को हटाया, कांताराव को सौंपी कमान | Salina removed, Kantarao new chief election officer | Patrika News

विधानसभा चुनाव से पांच महीने पहले सलीना सिंह को हटाया, कांताराव को सौंपी कमान

locationभोपालPublished: Jul 11, 2018 07:59:01 am

Submitted by:

Umesh Yadav

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह को मंगलवार को हटा दिया।

saleena singh

सलीना

भोपाल। विधानसभा चुनाव से पांच महीने पहले मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह को मंगलवार को हटा दिया। उन्होंने पिछले महीने इस पद पर तीन साल पूरे कर लिए थे। निर्वाचन आयोग ने उनकी सेवाएं राज्य सरकार को लौटा दी।
उनकी जगह सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव वीएल कांताराव को पदस्थ किया है। वे पहले भी चुनाव संबंधित कामकाज देख चुके हैं। राज्य सरकार ने पैनल में कांताराव के साथ ही संजय दुबे और केसी गुप्ता का नाम भी भेजा था। एडिशनल सीईओ के पद पर लोकेश जाटव को पदस्थ किया है। जाटव राज्य शिक्षा केन्द्र में आयुक्त हैं। अब दो अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी हो जाएंगे।
चुनाव आयोग लगातार सख्त
नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों के पहले इस बदलाव को चुनाव आयोग की सख्ती से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत के आने के बाद से चुनाव आयोग लगातार सख्ती दिखा रहा है।
सबसे पहले मुंगावली-कोलारस उपचुनाव के समय चुनाव आयोग ने दो मंत्रियों और सीएम को चेतावनी दी थी, फिर अशोकनगर के तत्कालीन कलेक्टर बीएस जामौद को भी हटाया गया। प्रदेश में मतदाता सूचियों में फर्जी नाम जोडऩे के आरोप लगे तो इसकी जांच के लिए दिल्ली से विशेष टीम भेजी गई।
सलीना से जुड़े ये विवाद

ईआरओ-नेट : मतदाता सूची के इस ऑनलाइन साफ्टवेयर सिस्टम को निर्वाचन आयोग ने पूरे देश में लागू किया। लेकिन, सलीना ने इसमें आनाकानी की। तब चुनाव आयोग ने नाराजगी जताई थी। इस सिस्टम से सूची की ऑनलाइन स्क्रूटनी हो सकती है।
ईवीएम विवाद : अटेर विधानसभा उपचुनाव के समय ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर कहा था कि बाहर बात नहीं जानी चाहिए, वरना जेल में डाल दूंगी। इसके बाद कलेक्टर टी इलैया राजा व सलीना को नोटिस भी मिला था।
कार्यालयीन उदासीनता : यह भी शिकायत थी कि वे कार्यालय को पर्याप्त समय नहीं देतीं। दोपहर 12 बजे आती हैं और 4 बजे तक चली जाती हैं।
मतदाता सूची : भोपाल सहित अन्य जिलों में मतदाता सूची में फर्जी वोटर जोडऩे के आरोप लगे। केंद्र से जांच के लिए विशेष टीमें तक आईं। बचने के लिए सुधार प्रक्रिया जारी रहना बताया गया। इससे उनकी कार्यशैली को लेकर नाराजगी रही।
मुंगावली-कोलारस : इन दोनों उपचुनाव में मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप लगे। तत्कालीन अशोकनगर कलेक्टर बीएस जामौद को हटाया गया। भोपाल से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस ने शिकायत की।
एसीएस बनना : उन्हें हाल ही में एसीएस प्रमोट किया था। उनकी पदोन्नति के लिए सरकार ने अतिरिक्त अस्थायी पद का सृजन किया। इस पर आरोप लगे कि वे सरकार के पक्ष में काम करती हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो