दरअसल, भाजपा सरकार ने प्रदेश में करीब 2600 सहायक प्राध्यापक और 40 हजार संविदा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। इसमें सहायक प्राध्यापकों को एमपीपीएससी के जरिए लिखित परीक्षा लेकर चयनित कर लिया गया था, लेकिन पदस्थापना के पहले ही आचार संहिता लग गई। इसके बाद अफसरों ने नई सरकार बनने के बाद इसका फैसला करना तय किया था, क्योंकि तब के नेता-प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने भी धांधली की बात कही थी।
संविदा शिक्षकों की हो चुकी स्क्रूटनी
स्कूल शिक्षा में करीब 40 हजार संविदा शिक्षकों की भर्ती शुरू की गई थी। इनकी स्क्रूटनी हो चुकी है, भर्ती नहीं हो पाई। जब सीएम कमलनाथ नया मंत्रिमंडल बनाएंगे, तब ही फैसला होगा। अभी दोनों मामलों में अफसरों ने रिपोर्ट तैयार कर नए मंत्रियों के सामने पेश करना तय किया है।